इंदौर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर 161 करोड़ रुपये की लागत से सुधरेंगे ब्लैक स्पॉट, 15 साल बाद मिली राहत

धार, अग्निपथ। इंदौर–अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर इंदौर से पिटोल तक फोरलेन सड़क निर्माण की बड़ी खामियों को अब डेढ़ दशक बाद सुधारा जा रहा है। लगभग 15 वर्ष पूर्व जब इस सड़क का निर्माण हुआ था, तब लागत कम करने के फेर में कई महत्वपूर्ण स्थानों पर अंडरब्रिज और ओवरब्रिज नहीं बनाए गए थे। यही बचत आगे चलकर इस मार्ग के लिए घातक साबित हुई और बीते 15 वर्षों में यह सड़क कई परिवारों के लिए काल बन गई।

अधूरे निर्माण और सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण ग्रामीण व औद्योगिक क्षेत्रों में दुर्घटनाओं का ग्राफ लगातार बढ़ता गया। स्थिति इतनी विकट हो गई कि राजमार्ग के सात प्रमुख स्थानों को ‘ब्लैक स्पॉट’ के रूप में चिन्हित करना पड़ा। स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों की वर्षों पुरानी मांग के बाद अब राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए सुधार कार्य शुरू किया है। इस परियोजना पर करीब 161 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जिसे क्षेत्र की सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।

इन प्रमुख स्थानों पर बनेंगे 30 मीटर चौड़े ब्रिज

धार जिले के अंतर्गत आने वाले प्रमुख जंक्शनों और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सुरक्षा के विशेष मानकों के साथ निर्माण किया जा रहा है। पीथमपुर, घटाबिल्लोद, धार जंक्शन, ग्राम चिकलिया, मंगोद फाटा और कुक्षी जंक्शन जैसे स्थानों पर 30 मीटर चौड़ाई वाले ब्रिज बनाए जा रहे हैं। इन ब्रिजों के बन जाने से तेज रफ्तार वाहनों और स्थानीय यातायात के बीच होने वाले टकराव को रोका जा सकेगा।

विशेषज्ञों का मत: पहले होता काम तो बचतीं कई जानें

उपभोक्ता उत्थान संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष सतीश वर्मा ने इस कार्य पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि निर्माण पूरा होने के बाद निश्चित ही दुर्घटनाओं में कमी आएगी और यातायात सुगम होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि यह निर्माण मूल योजना के समय ही कर लिया गया होता, तो न केवल सरकारी धन की बचत होती बल्कि कई लोगों की जान भी बचाई जा सकती थी। यह मामला भविष्य की योजनाओं के लिए एक सबक है कि अल्पकालिक बचत के लिए सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।

एक नजर में राजमार्ग की स्थिति

विवरणजानकारी
कुल फोरलेन निर्माण153 किमी
चिन्हित ब्लैक स्पॉट (2024)07
नए निर्माण की कुल लागत161 करोड़ रुपये
प्रस्तावित ब्रिजों की चौड़ाई30 मीटर
मुख्य प्रभावित क्षेत्रपीथमपुर, घटाबिल्लोद, धार, चिकलिया, मंगोद, कुक्षी

एनएचएआई इंदौर के मैनेजर आदित्य सुमन ने बताया कि निर्माण कार्य शुरू कर दिए गए हैं और करीब डेढ़ साल की अवधि में इन्हें पूर्ण कर लिया जाएगा। वर्तमान में धार बायपास पर कार्य गति पकड़ चुका है। ब्लैक स्पॉट सुधरने के बाद न केवल हादसों में कमी आएगी, बल्कि इंदौर से अहमदाबाद का सफर भी सुरक्षित और समय की बचत वाला होगा।

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