धार, अग्निपथ। लंबे समय से चल रहे इमामबाड़ा विवाद में प्रशासन ने बुधवार रात करीब 3 बजे बेदखली अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए विवादित इमामबाड़ा परिसर को सील कर दिया। इस कार्यवाही के बाद इसका कब्जा लोक निर्माण विभाग को सौंप दिया गया है। फिलहाल सुरक्षा की दृष्टि से परिसर और शहर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
प्रशासन की कार्रवाई और सुरक्षा व्यवस्था
इस अभियान में कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, एसडीएम और तहसीलदार सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद था। शहर की सुरक्षा के लिए धार जिले के अलावा झाबुआ, आलीराजपुर, खरगौन और बड़वानी से भी अतिरिक्त पुलिस बल बुलवाया गया है। एसटीएफ की एक कंपनी, इंदौर, दतिया और भोपाल से भी एक-एक पुलिस कंपनी तैनात की गई है। शहर के प्रमुख चौराहों और संवेदनशील इलाकों पर पुलिस के वज्र और रुद्र वाहन के साथ टियर गैस पार्टी भी तैनात है। पुलिस सोशल मीडिया और अफवाहों पर कड़ी नजर रख रही है।
दीपक जलाए
इस कार्यवाही के बाद सांस्कृतिक धरोहर रक्षा मंच के संयोजक अंशुल शर्मा ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने इस फैसले को हिंदू समुदाय की जीत बताया और शाम 7 बजे लोगों से अपने घरों के सामने दीपक जलाकर खुशी मनाने का आह्वान किया। सुबह से ही हिंदू समाज के लोगों में इस खबर को लेकर हर्ष की लहर देखी गई। इससे पहले 9 जुलाई को एक हिंदू पंचायत में प्रशासन को 31 जुलाई तक बेदखली की कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई थी, अन्यथा सामूहिक तालाबंदी करने की बात कही गई थी।
मुस्लिम समाज की प्रतिक्रिया
दूसरी ओर, मुस्लिम समाज के सदर अब्दुल समद ने इस कार्यवाही से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें अभी तक कमिश्नर न्यायालय के फैसले की जानकारी नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने 20 दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिस पर 22 या 23 अगस्त को सुनवाई होने की संभावना है। इसी बीच, मुस्लिम समाज ने बुधवार रात चालीसवें के तहत ताजियों का जुलूस निकाला था।
