उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन नगर निगम की एमआईसी (महापौर परिषद) की बैठक में गुरुवार को उस समय जमकर हंगामा हुआ, जब निगम आयुक्त आशीष पाठक बैठक में नहीं पहुंचे। उनके इंतजार में एमआईसी सदस्यों ने करीब 22 मिनट तक बैठक का इंतजार किया, लेकिन जब वे नहीं आए तो आक्रोशित महापौर और एमआईसी सदस्यों ने बैठक रद्द कर दी। बाद में जब निगम आयुक्त वहां पहुंचे तो उन्हें सदस्यों के गुस्से का सामना करना पड़ा और उनसे जमकर तीखे सवाल किए गए। हालात को संभालने के लिए आखिर में भाजपा नगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल को हस्तक्षेप करना पड़ा।
क्यों गरमाया मामला?
बैठक में पांच प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा होनी थी, जिसमें मुख्य मुद्दा केडी गेट रोड के अधूरे काम का था। एमआईसी सदस्यों को क्षेत्र के रहवासियों से शिकायतें मिल रही थीं कि काम पूरा नहीं हुआ है, पुराने बिजली के खंभे नहीं हटाए गए हैं और लालबाई-फूलबाई चौराहे पर कोर्ट का स्टे लगा हुआ है। इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर कमिश्नर से जवाब मांगा जाना था, लेकिन उनके गैर-मौजूदगी ने सदस्यों के गुस्से को और बढ़ा दिया। अपर आयुक्त पवनसिंह ने बताया कि कमिश्नर संभागायुक्त के रिटायरमेंट कार्यक्रम में गए हुए हैं।
सवालों की बौछार
बैठक रद्द होने के बाद जब निगम आयुक्त पहुंचे, तो महापौर मुकेश टटवाल और सभी एमआईसी सदस्यों ने उन पर सवालों की बौछार कर दी। सदस्यों ने आरोप लगाया कि वे फोन नहीं उठाते, महीनों से फाइलों पर दस्तखत नहीं हुए हैं और वे ऑफिस भी नहीं आते। इस दौरान डिप्टी कमिश्नर संजेश गुप्ता, अधीक्षण यंत्री संतोष गुप्ता, संदीप शिवा, और कृतिका भीमावद सहित कई अधिकारी भी बैठक से अनुपस्थित थे, जिससे सदस्यों का गुस्सा और बढ़ गया। आपसी समन्वय बनाने के लिए आखिरकार नगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल को हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने सभी से मिलकर काम करने की अपील की और कहा कि वे इस मामले में बात करेंगे।
