उज्जैन, अग्निपथ। मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश में हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब उज्जैन सहित छह बड़े शहरों में नए हेलीपैड तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा, 28 जिलों में, जहाँ हवाई पट्टियां नहीं हैं, वहाँ एयरस्ट्रिप का निर्माण कर विमानन गतिविधियों को बढ़ाया जाएगा। वहीं, जिन शहरों में पहले से एयरस्ट्रिप हैं, उनका विस्तार कर उन्हें औद्योगिक और घरेलू उड़ानों के लिए तैयार किया जाएगा।
विमानन विभाग ने उज्जैन, भोपाल, जबलपुर, इंदौर, और ग्वालियर के जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा है कि इन शहरों में वीवीआईपी मूवमेंट अधिक होता है। इसलिए उनकी सुरक्षा और आमजन की सुविधा के लिए शहर के चारों ओर तीन से चार हेलीपैड बनाए जाएंगे।
सरकारी जमीन को प्राथमिकता
इन हेलीपैड के लिए सरकारी जमीन को प्राथमिकता दी जाएगी, लेकिन निजी जमीन का भी उपयोग किया जा सकता है। खास बात यह है कि विश्वविद्यालय, कॉलेज या औद्योगिक इकाइयों के परिसर का भी उपयोग हो सकेगा। कलेक्टरों को 15 दिनों के भीतर इस पर प्रस्ताव भेजने को कहा गया है। यह कदम महाकाल की नगरी उज्जैन में हवाई यात्रा को और भी सुगम बना देगा।
प्रदेश के 28 जिलों में नई हवाई पट्टियां
सरकार ने उन 28 जिलों में भी हवाई पट्टियों के लिए प्रस्ताव मांगे हैं, जहाँ अभी कोई हवाई पट्टी नहीं है। इन एयरस्ट्रिप के लिए भी सरकारी जमीन को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए 2000 वर्ग मीटर से कम का क्षेत्र नहीं होना चाहिए और इसके चारों ओर बाउंड्रीवॉल भी होनी चाहिए। विभाग ने यह भी कहा है कि ये हवाई पट्टियां 100 किलोमीटर के दायरे में होनी चाहिए।
नगर पालिकाओं और तहसील मुख्यालयों में भी बनेंगे हेलीपैड
बाकी जिलों से भी नगर पालिका और तहसील मुख्यालयों के 50 किलोमीटर के दायरे में हेलीपैड बनाने के प्रस्ताव मांगे गए हैं। इन हेलीपैड के साथ वेटिंग रूम भी बनाए जाएंगे, जिससे यात्रियों को सुविधा मिले। इस पहल से पूरे मध्य प्रदेश में हवाई यात्रा का एक नया युग शुरू होगा, जिससे पर्यटन और व्यापार दोनों को लाभ मिलेगा। फिलहाल, प्रदेश में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, दतिया और सतना में एयरपोर्ट बन चुके हैं।
