उज्जैन: चक्रतीर्थ में अब तत्काल मिलेगा ‘मृत्यु प्रमाण पत्र’

उज्जैन, अग्निपथ। मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के तट पर स्थित उज्जैन के ऐतिहासिक चक्रतीर्थ मुक्तिधाम का कायाकल्प हो रहा है। लगभग 80 लाख रुपये की लागत से यहाँ एक भव्य और आधुनिक डोम का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इस परियोजना का एक मुख्य आकर्षण यह है कि अब मुक्तिधाम से ही तत्काल मृत्यु प्रमाण पत्र की सुविधा मिलेगी, जिससे शोकाकुल परिवारों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

इस पहल का उद्देश्य मुक्तिधाम आने वाले परिजनों को न केवल अंतिम संस्कार की प्रक्रियाओं में सुविधा प्रदान करना है, बल्कि उन्हें शांति और धार्मिक वातावरण भी उपलब्ध कराना है। सोमवार को महापौर मुकेश टटवाल ने स्वयं निर्माण कार्य का निरीक्षण किया और अधिकारियों को इसे निर्धारित समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए।

मोक्षधाम में आध्यात्मिक शांति और आधुनिक सुविधाएं

महापौर टटवाल ने अपने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए, जिनका उद्देश्य मुक्तिधाम के अनुभव को और अधिक मानवीय बनाना है। उन्होंने निर्देशित किया कि:

  • मृत्यु प्रमाण पत्र की तत्काल उपलब्धता: मुक्तिधाम पर ही मृत्यु प्रमाण पत्र तुरंत उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। यह एक ऐसी सुविधा है, जिसकी आवश्यकता अंतिम संस्कार के बाद तुरंत पड़ती है और इसकी उपलब्धता से परिजनों को बड़ी राहत मिलेगी।
  • वातानुकूलित प्रतीक्षा कक्ष: मुक्तिधाम पर आने वाले लोगों के लिए बैठने के कक्ष को पूरी तरह से वातानुकूलित (एयर कंडीशनर) बनाया जाए, ताकि भीषण गर्मी या अन्य मौसम की मार से उन्हें बचाया जा सके। यह उन परिवारों के लिए एक बड़ी राहत होगी जो दुःख की घड़ी में वहाँ आते हैं।
  • धार्मिक प्रसारण के लिए एलईडी टीवी: प्रतीक्षा कक्ष में बड़े एलईडी टीवी लगाए जाएं, जिन पर लगातार रामायण और महाभारत के प्रसंगों का प्रसारण होता रहे। महापौर का मानना है कि इससे मुक्तिधाम पर आने वाले नागरिक इन धार्मिक प्रसंगों को देखकर मानसिक शांति प्राप्त कर सकेंगे और शोक की घड़ी में भी उन्हें आध्यात्मिक संबल मिलेगा।

ये सभी सुविधाएं बांसवाड़ा स्थित मोक्षधाम की तर्ज पर विकसित की जा रही हैं, जिसका लक्ष्य चक्रतीर्थ को सौंदर्य और विकास के साथ एक आधुनिक स्वरूप देना है।

जनभागीदारी से विकास की नई राह

महापौर ने इस अवसर पर शहरवासियों, विभिन्न समाजों और सामाजिक संगठनों से भी अपील की। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति या संस्था स्वेच्छा से चक्रतीर्थ पर विकास कार्यों में योगदान देना चाहती है, वे अपना सहयोग प्रदान कर सकती हैं। यह पहल जनभागीदारी के माध्यम से मुक्तिधाम को और बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्वैच्छिक योगदान से मुक्तिधाम के सौंदर्यकरण और सुविधाओं के विस्तार को गति मिलेगी, जिससे यह truly एक शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित स्थान बन सकेगा।

निरीक्षण में उपस्थित अधिकारी और जनप्रतिनिधि

इस महत्वपूर्ण निरीक्षण के दौरान महापौर के साथ एमआईसी सदस्य प्रकाश शर्मा और शिवेंद्र तिवारी, क्षेत्रीय पार्षद इमरान खान, कार्यपालन यंत्री जगदीश मालवीय, सहायक यंत्री पीसी यादव और डीएस परिहार, तथा उपयंत्री प्रवीण वाडिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। इन सभी ने निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा लिया और महापौर द्वारा दिए गए निर्देशों पर चर्चा की।

चक्रतीर्थ मुक्तिधाम: केवल अंतिम संस्कार का स्थान नहीं, बल्कि एक शांति का धाम

चक्रतीर्थ मुक्तिधाम केवल अंतिम संस्कार का स्थान नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा स्थल है जहाँ शोक संतप्त परिवार अपने प्रियजनों को अंतिम विदाई देने आते हैं। ऐसे में यहाँ का वातावरण जितना अधिक शांतिपूर्ण और सुविधापूर्ण होगा, उतना ही परिजनों को मानसिक संबल मिलेगा।

मृत्यु प्रमाण पत्र की तत्काल उपलब्धता, वातानुकूलित कक्ष और धार्मिक टीवी कार्यक्रम जैसी सुविधाएं इस बात का प्रमाण हैं कि उज्जैन नगर निगम मुक्तिधाम को केवल एक कर्मकांड स्थल नहीं, बल्कि एक ऐसा शांति का धाम बनाना चाहता है जहाँ आने वाले हर व्यक्ति को कुछ पल के लिए सुकून मिल सके।

इस महत्वाकांक्षी परियोजना के पूरा होने के बाद, उज्जैन का चक्रतीर्थ मुक्तिधाम निश्चित रूप से देश के अन्य मोक्षधामों के लिए एक मिसाल कायम करेगा, और यहाँ आने वाले नागरिकों को एक बेहतर और सम्मानजनक अनुभव प्रदान करेगा।

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