उज्जैन, अग्निपथ। प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, शासकीय माधव महाविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) द्वारा निर्धारित मानकों पर खरा उतरने के चलते आईएसओ प्रमाणित किया गया है। यह मध्य प्रदेश में आईएसओ प्रमाणित पहला महाविद्यालय है। चार प्रमुख मापदंडों में बेहतर पाए जाने पर माधव कॉलेज को तीन वर्ष की अवधि के लिए आईएसओ प्रमाणित किया गया है।
प्राचार्य डॉ. कल्पना सिंह ने बताया कि माधव कॉलेज को तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नई ऊंचाइयां देते हुए प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा दिया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में प्रत्येक जिले में किसी एक महाविद्यालय को चयनित कर एक्सीलेंस महाविद्यालय बनाया गया है।
एक्सीलेंस महाविद्यालय में शिक्षक और प्राचार्य चयनित कर पदस्थ किए गए। पिछले एक वर्ष में कॉलेज में महाविद्यालय के नवनिर्मित कन्या छात्रावास भवन, अकादमिक भवन एवं मुख्य प्रवेश द्वार का लोकार्पण मुख्यमंत्री ने किया। इसके अलावा बिजनेस इन्क्यूबेशन सेंटर, सृजन फाउंडेशन का सेक्शन 8 कंपनी के रूप में पंजीयन हुआ है। यह प्रदेश का पहला एफिलिएटेड महाविद्यालय बना है। कॉलेज को आईएसओ प्रमाणित होने पर अब इसकी ख्याति और बढ़ेगी।
कोर्सेस, क्वालिटी, मैनेजमेंट और लीडरशिप के मापदंडों पर खरा उतरा कॉलेज। आईएसओ प्रमाणित का मतलब है कि किसी कंपनी, संस्था या संगठन को आईएसओ द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार प्रमाणित किया गया है, जो यह साबित करता है कि वे गुणवत्ता, सुरक्षा या दक्षता जैसी विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। यह प्रमाणन एक बाहरी, स्वतंत्र निकाय द्वारा किए ऑडिट के बाद दिया जाता है।
माधव कॉलेज कोर्सेस, क्वालिटी, मैनेजमेंट और लीडरशिप के मापदंडों पर खरा उतरा।
इस आधार पर कॉलेज को आईएसओ प्रमाणित किया गया। कॉलेज को तीन वर्ष के लिए यह प्रमाणन मिला है। इस दौरान दो सर्विलांस ऑडिट भी होंगे। कॉलेज में 12 प्रोग्राम और 25 कोर्सेस संचालित हैं। कॉलेज में कला, वाणिज्य, विज्ञान और ललित कला जैसी मल्टी फैकल्टी है।
आईएसओ प्रमाणित होने से बढ़ेगी कॉलेज की ब्रांड वैल्यू
कॉलेज की ब्रांड वैल्यू बढ़ेगी और देश के अन्य प्रमुख कॉलेजों के बीच साख में वृद्धि होगी। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) सहित अन्य रैंकिंग में भी एप्लाई करने पर माधव कॉलेज को आईएसओ सर्टिफाइड होने का फायदा मिलेगा।
कॉलेज के प्रति अन्य प्रमुख संस्थानों के बीच विश्वसनीयता बढ़ेगी। इससे कॉलेज को मिलने वाली ग्रांट की राशि और अन्य सहयोग में भी वृद्धि होगी।
कॉलेज में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों की रुचि बढ़ेगी। इससे एडमिशन की संख्या में वृद्धि होगी। वर्तमान में भी कॉलेज में उज्जैन में सबसे ज्यादा 5 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
