उज्जैन में ई-मंडी के लिए आनलाइन प्रवेश पर्ची और नीलामी व्यवस्था का ट्रायल शुरू

बुधवार को पहली बार पीओएस मशीनों के माध्यम से ऑनलाइन प्रवेश पर्ची बनी और नीलामी हुई

उज्जैन, अग्निपथ। कृषि उपज मंडी को ईमंडी बनाने की दिशा में उज्जैन में बुधवार से ट्रायल शुरू हो गया है। मंडी में आने वाले किसानों को पीओएस मशीन के माध्यम से प्रवेश पर्ची बनाकर दी गई। इसके बाद शेड पर नीलामी ऑनलाइन पर्ची के माध्यम से की गई।

प्रदेश सरकार ने सभी एक ग्रेड की मंडियों को ईमंडी बनाने के आदेश दिए हैं। इसके तहत उज्जैन संभाग की दस ए ग्रेड की मंडियों में ऑनलाइन प्रवेश और नीलामी, भुगतान की व्यवस्था ईमंडी के माध्यम से की जानी है। देवास मंडी में यह पायलट प्रोजेक्ट के माध्यम से एक साल से चल रही है। अब उज्जैन मंडी में भी बुधवार से ट्रायल के रूप में इसे शुरू कर दिया गया है। अभी 20 मशीनें उज्जैन में आई हैं। इनके लिए कर्मचारियों को ट्रेंड कर दिया गया है। अब तुलवटियों और व्यापारियों को भी इसके संबंध में बैठक करके जानकारी दी जाएगी। मंडी में व्यापारी तो पहले से ही रजिस्टर हैं। 60 तुलावटियों ने भी रजिस्ट्रेशन करवा लिया है।

प्रवेश से लेकर भुगतान तक सब ऑनलाइन

ई मंडी के तहत किसान मंडी में प्रवेश करता है तो उसकी प्रवेश पर्ची गेट पर ही बनाई जाएगी। यह पीओएस मशीन के माध्यम बनाई जाएगी। इसमें किसान का मोबाइल नंबर, नाम पता, गांव और कौन सी फसल लेकर आया है उसकी डिटेल भरी जाएगी। जब किसान नीलामी शेड पर पहुंचेगा तो उसका मोबाइल नंबर डालते ही नीलामी कर्मचारी के पास डिटेल आ जाएगी।

यहां व्यापारी का लाइसेंस नंबर डालकर नीलामी की राशि के रेट डाल दिए जाएंगे। तत्काल ही कर्मचारी एक पर्ची निकालकर किसान को दे देगा। किसान जब पर्ची लेकर तुलवटियों के पास जाएगा, तो उसका तौल करके इंट्री कर देगी और फिर व्यापारी के पास जाएगा, तो वहां ऑनलाइन के माध्यम से भुगतान होते ही उसकी सूचना मंडी में पहुंच जाएगी।

हाइटेक मंडी बनने की दिशा में उज्जैन में चल रहा काम

उज्जैन मंडी को हाईटेक मंडी बनाए जाने की कवायद चल रही है। इसके तहत 31 बिंदुओं का पैमाना बनाया गया है। ईमंडी इसमें से एक बिंदु हैं। बूथ बैरियर बनाना, हाईराइज शेड बनाना, हाईमास्क लाइट लगाना,बायो टायलेट का निर्माण, आरओ वाटर की व्यवस्था करना, कचरा प्रबंधन करना, स्वच्छता के लिए काम करना, बैच डिस्पोजल मशीन लगाना, सार्टेक्स क्लीनिंग प्लांट लगाना, राइटनिंग चेंबर, कोल्ड स्टोरेज बनाना इनेम मंडी, इमंडी की व्यवस्था करना आदि शामिल है।

जल्दी लागू होगी पूरी व्यवस्था

संभाग में दस ए ग्रेड की मंडियां हैं। देवास में एक साल से ईमंडी के माध्यम से काम किया जा रहा है। अब उज्जैन में भी शुरू कर दिया गया है। अभी ट्रायल के रूप में काम कर रहे हैं। जल्द ही पूरी तरह से व्यवस्था को लागू किया जाएगा। व्यापारियों और तुलावटियों की बैठक करके उन्हें भी इस नई व्यवस्था की ट्रेनिंग और काम करने की सलाह दी जाएगी। -प्रवीण वर्मा, उप संचालक और सचिव कृषि उपज मंडी उज्जैन

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