उज्जैन, अग्निपथ। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा तेज आवाज में डीजे और लाउडस्पीकर बजाने पर प्रतिबंध के बावजूद, उज्जैन शहर में इनका धड़ल्ले से इस्तेमाल जारी है। इसी मामले को लेकर इंदौर हाईकोर्ट ने उज्जैन कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक (SP) से स्पष्टीकरण मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि प्रतिबंध के बावजूद आयोजनों में डीजे क्यों बज रहे हैं?
डीजे विवाद में मौत के बाद कोर्ट का संज्ञान
यह मामला जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की खंडपीठ के समक्ष एक सुनवाई के दौरान सामने आया। कोर्ट को बताया गया कि डीजे बजने को लेकर हुए एक विवाद में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने उज्जैन कलेक्टर से जवाब तलब किया।
दरअसल, 31 जनवरी को देसाई नगर में बदमाश स्वयं त्रिपाठी और उसके साथियों द्वारा जन्मदिन की पार्टी मनाई जा रही थी। इस पार्टी में तेज आवाज में डीजे बजाया जा रहा था। जब पड़ोसियों ने देर रात डीजे बजाने का विरोध किया, तो जन्मदिन मना रहे युवकों ने उन पर हमला कर दिया। इस हमले में 59 वर्षीय जोगेंद्र सिंह गौड़ गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में अस्पताल में उनकी मौत हो गई। इस घटना में परिवार की महिला सहित चार अन्य लोग भी घायल हुए थे।
हाईकोर्ट ने उठाए सुरक्षा उपायों पर सवाल
कोर्ट ने अपने अंतरिम निर्देश में कहा कि, ऐसी परिस्थितियों में, मामले के गुण-दोष पर कोई भी आदेश पारित करने से पहले, यह न्यायालय कलेक्टर और एसपी उज्जैन से स्पष्टीकरण मांगना उचित समझता है। कोर्ट ने पूछा है कि “डीजे के इस खतरे को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं, जबकि इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा विशिष्ट आदेश पारित किए गए हैं।”
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि उज्जैन प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर क्या स्पष्टीकरण देता है और भविष्य में तेज आवाज में डीजे के इस्तेमाल को रोकने के लिए क्या प्रभावी कदम उठाता है, ताकि ऐसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।