दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत!
उज्जैन, अग्निपथ. चिमनगंज मंडी थाना क्षेत्र स्थित तिरुपति सॉलिटेयर कॉलोनी में एक नए मकान के कब्ज़े को लेकर बिल्डर और मकान खरीदने वाले एक पुलिस कांस्टेबल के बीच विवाद गहरा गया है। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद पुलिस मामले की जाँच में जुट गई है।
बिल्डर का आरोप: कांस्टेबल ने अपनी पहचान का फायदा उठाकर खाते में डलवाई निर्माण राशि
बिल्डरशिप का काम करने वाले यश पिता अनिल शर्मा का कहना है कि एसपी कार्यालय में पदस्थ कांस्टेबल नवीन कुमार श्रीवास्तव ने फरवरी 2024 में उनसे साइज़ का एक मकान खरीदने के लिए अनुबंध किया था। मकान की कीमत लाख हजार रुपये तय हुई थी, जिसके लिए आरक्षक श्रीवास्तव ने टोकन मनी के रूप में लाख रुपये जमा किए थे।
इसके बाद अनुबंध हुआ और अनुबंध के आधार पर एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस से लाख रुपये का लोन स्वीकृत हुआ। मकान निर्माण के लिए पहली किस्त के रूप में बैंक ने लाख हजार रुपये की राशि जारी की।
बिल्डर यश का आरोप है कि उन्होंने मकान की रजिस्ट्री आरक्षक के नाम पर करवा दी। इसके बाद आरक्षक श्रीवास्तव ने बैंक में अपनी पहचान का फायदा उठाकर मकान निर्माण के लिए बिल्डर के खाते में आने वाली राशि स्वयं के खाते में करवा ली। अब मकान निर्माण के लिए जो भी राशि बैंक द्वारा आती थी, वह आरक्षक के खाते में ही पहुँचने लगी और बिल्डर को मकान निर्माण के खर्च और राशि के लिए आरक्षक पर निर्भर होना पड़ा।
आरक्षक ने अपने हिसाब से उन्हें राशि देना शुरू किया
बिल्डर ने बताया कि आरक्षक ने अपने हिसाब से उन्हें राशि देना शुरू किया। तीसरी किस्त के रूप में 28 मार्च 2024 को लाख हजार रुपये, 10 अप्रैल 2024 को लाख, 15 अप्रैल को लाख, 16 मई को लाख हजार, 12 से 23 जून तक लाख और 28 नवंबर 2024 को हजार रुपये, कुल मिलाकर लाख हजार रुपये आरक्षक ने बिल्डर को दिए। जबकि मकान की कुल कीमत लाख हजार रुपये थी।
बिल्डर यश का कहना है कि अभी भी लाख हजार रुपये शेष हैं, जिस पर आरक्षक ने नीयत खराब कर ली। बिल्डर का आरोप है कि आरक्षक ने उनकी सहमति के बिना, उनके द्वारा मकान पर लगाए गए ताले को तोड़कर अपना कब्ज़ा कर लिया। बिल्डर यश ने यह भी बताया कि आरक्षक उन्हें पुलिस में होने की धमकी देता है और कहता है कि वह उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
पुलिस आरक्षक का पलटवार: बिल्डर ने अधूरा छोड़ा मकान, खुद खर्च किए लाख
वहीं, पुलिस आरक्षक नवीन श्रीवास्तव का कहना है कि बिल्डर यश ने मकान का निर्माण पूरा करके नहीं दिया। उन्होंने बताया कि कई जगह खिड़कियाँ और दरवाज़े नहीं लगाए गए हैं और लाइटिंग का काम भी अधूरा है। आरक्षक श्रीवास्तव का दावा है कि उन्होंने अपनी जेब से मकान में लाख रुपये लगाए हैं। आरक्षक ने यह भी आरोप लगाया कि बिल्डर यश ने रात के समय उनके मकान में घुसने की कोशिश की। आरक्षक श्रीवास्तव ने बिल्डर के खिलाफ शिकायत आवेदन थाने में दिया है।
फिलहाल, पुलिस दोनों पक्षों की शिकायतों की जाँच कर रही है ताकि सच्चाई सामने आ सके। इस मामले ने एक बार फिर रियल एस्टेट विवादों की जटिलताओं और उनमें शामिल होने वाले कानूनी पचड़ों को उजागर किया है।