उज्जैन, अग्निपथ। सिंहस्थ 2028 महाकुंभ की तैयारियों के बीच उज्जैन के साधु-संतों के बीच स्थानीय स्तर पर संगठनात्मक विभाजन होता नज़र आ रहा है। स्थानीय अखाड़ा परिषद से शैव अखाड़ों से जुड़े पदाधिकारियों के इस्तीफे और परिषद के भंग होने के बाद, अब सोमवार को वैष्णव अखाड़ों ने अपना अलग ‘रामा दल अखाड़ा परिषद’ नामक संगठन बना लिया है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि शैव और वैष्णव अखाड़ों के संत अब स्थानीय स्तर पर अपने-अपने संगठन के माध्यम से काम करेंगे।
वैष्णव संतों ने गठित किया ‘रामा दल अखाड़ा परिषद’
सोमवार को मंगलनाथ रोड स्थित श्री पंच रामानंदीय निर्मोही अखाड़े में तीनों वैष्णव अणियों की बैठक हुई। इस बैठक में निर्मोही अणि अखाड़ा, दिगंबर अणि अखाड़ा और निर्वाणी अणि अखाड़ा के महंतों और महामंडलेश्वरों ने भाग लिया।
एक घंटे चली बैठक के बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि स्थानीय अखाड़ा परिषद की जगह अब ‘रामा दल अखाड़ा परिषद’ का गठन किया जाएगा।
बैठक में मौजूद संतों ने घोषणा की कि अब सिंहस्थ से जुड़े किसी भी मुद्दे पर वे शासन-प्रशासन से इसी नए संगठन के जरिए बात करेंगे।
नए संगठन के पंजीकरण की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
डॉ. रामेश्वर दास महाराज बने रामा दल के अध्यक्ष
नए गठित रामा दल अखाड़ा परिषद में प्रमुख संतों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं। महंत डॉ. रामेश्वरदास महाराज को संगठन का अध्यक्ष बनाया गया है।
| पद | संत/महंत का नाम | अखाड़ा/विवरण |
| संरक्षक | मुनि क्षरणदस, अर्जुनदास खाकी अखाड़ा, महंत भगवानदास | – |
| अध्यक्ष | महंत डॉ. रामेश्वरदास महाराज | – |
| उपाध्यक्ष | महंत काशीदास, रामचंद्र दास | दिगंबर अखाड़ा |
| उपाध्यक्ष | हरिहर रसिक खेड़ापति | – |
| कोषाध्यक्ष | महेश दास और राघवेंद्र दास | – |
| मंत्री | बलराम दास | – |
| महामंत्री | चरण दास, महंत दिग्विजय दास | – |
संरक्षक महंत भगवान दास ने स्पष्ट किया कि शैव अखाड़ों के संतों को असंतुष्ट देखते हुए पुरानी अखाड़ा परिषद भंग कर दी गई है। उन्होंने कहा, “अब शैव सम्प्रदाय से हमारा कोई संपर्क नहीं रहेगा। वैष्णव सम्प्रदाय के तीनों अखाड़े, निर्मोही, दिगंबर और निर्वाणी का रामा दल अखाड़ा परिषद होगा।”
