उज्जैन, अग्निपथ: सड़क दुर्घटना पीड़ितों को तत्काल और प्रभावी उपचार मिल सके, इसके लिए उज्जैन में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में बताया कि निजी अस्पताल भी देंगे दुर्घटना पीड़ितों को कैशलेस इलाज! 25 जून को हुई सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में दिए गए निर्देशों के बाद, गुरुवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) कार्यालय में सड़क दुर्घटना राहत योजना-2025 के प्रभावी क्रियान्वयन और निजी अस्पतालों की सहभागिता सुनिश्चित करने पर गहन चर्चा हुई।
CMHO डॉ. अशोक पटेल ने बताया कि इस बैठक में योजना से संबंधित प्रक्रिया, पात्रता, अस्पतालों की भूमिका, उपचार और क्लेम आदि विषयों पर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए। सभी उपस्थित निजी अस्पतालों के संचालकों को सड़क दुर्घटना पीड़ितों की कैशलेस (नकदी रहित) उपचार योजना के बारे में अवगत कराया गया, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी घायल व्यक्ति को पैसों की कमी के कारण इलाज से वंचित न रहना पड़े। बैठक में बताया कि निजी अस्पताल भी देंगे दुर्घटना पीड़ितों को कैशलेस इलाज!
बैठक में आरटीओ संतोष मालवीय, सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. संगीता पलसानिया, आरएमओ जिला चिकित्सालय डॉ. चिन्मय चिंचोलीकर, समस्त खंड चिकित्साधिकारी, आईएमए के जिला अध्यक्ष डॉ. अजय खरे, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. कात्यायन मिश्रा सहित अन्य निजी चिकित्सालय के संचालक उपस्थित रहे।
“राहवीर योजना”: घायल को अस्पताल पहुंचाने पर मिलेंगे 25,000 और सम्मान पत्र!
इस बैठक में एक और महत्वपूर्ण बिंदु पर जोर दिया गया, वह है “राहवीर योजना”। अक्सर देखा जाता है कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को सही समय पर अस्पताल न पहुंचने के कारण उसकी जान चली जाती है। आम नागरिक घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने से इसलिए कतराते हैं, क्योंकि उन्हें डर होता है कि पुलिस उनसे पूछताछ करेगी या वे किसी कानूनी कार्रवाई में फंस जाएंगे।
लेकिन, अब यह स्पष्ट कर दिया गया है कि ऐसा नहीं है। सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को उपचार हेतु अस्पताल लाने वाले “राहवीर” (नेक व्यक्ति) को सरकार द्वारा 25,000 की प्रोत्साहन राशि और एक प्रशस्ति पत्र प्रदान करने का प्रावधान है। यह पहल नागरिकों को बिना किसी भय के घायलों की मदद करने के लिए प्रोत्साहित करेगी और समय पर उपचार मिलने से कई अनमोल जिंदगियां बचाई जा सकेंगी।
यह योजना उज्जैन में सड़क सुरक्षा और दुर्घटना राहत के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाने की उम्मीद है, जिससे घायल व्यक्तियों को समय पर सहायता मिल सकेगी और आम नागरिकों में मदद करने का आत्मविश्वास बढ़ेगा।