ऑनलाइन हाज़िरी से आक्रोश: सीहोर के सफाई कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

प्रक्रिया बंद करने की मांग

सीहोर, अग्निपथ। नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों ने अपनी ऑनलाइन हाज़िरी की प्रक्रिया को लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा। कर्मचारियों ने इस प्रणाली को ‘अव्यावहारिक’ बताते हुए इसे तुरंत बंद कर पूर्व की भांति रजिस्टर पर हाज़िरी की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है।

यह प्रदर्शन अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस ट्रेड यूनियन के जिलाध्यक्ष छुट्टन चावरिया और मध्यप्रदेश कार्यभारित दैनिक वेतन भोगी एवं स्थाई महासंघ के प्रदेश मंत्री विनोद बोयत के नेतृत्व में किया गया।

ऑनलाइन हाज़िरी से परेशानी क्यों?

ज्ञापन में कर्मचारियों ने ऑनलाइन हाज़िरी से होने वाली गंभीर समस्याओं को विस्तार से बताया है:

  • तकनीकी बाधाएँ: अधिकतर सफाई कर्मचारी अशिक्षित हैं या उन्हें मोबाइल चलाना नहीं आता है। कई कर्मचारियों के पास एंड्रॉइड मोबाइल नहीं हैं, जबकि कई बार नेटवर्क नहीं मिल पाता है।
  • कार्य के दौरान समस्या: सफाई करते समय कई बार मोबाइल नाली में गिरकर खराब हो जाते हैं, या फिर उनमें इंटरनेट बैलेंस नहीं रहता है।
  • छुट्टियों में मुश्किल: कर्मचारियों ने सवाल उठाया कि आकस्मिक अवकाश (CL), अर्जित अवकाश (EL) और मेडिकल छुट्टी पर जाने वाला कर्मचारी ऑनलाइन हाज़िरी कैसे दे पाएगा।
  • निजता का खतरा: कर्मचारियों ने आशंका जताई कि ऑनलाइन उपस्थिति से उनके मोबाइल की निजी जानकारी लीक होने की संभावना बनी रहेगी, जिसकी सुरक्षा की जवाबदारी किसकी होगी?
  • अपमान और अनिश्चित कार्य समय: कर्मचारियों ने कहा कि उनकी ड्यूटी का कोई समय निश्चित नहीं होता। उन्हें राष्ट्रीय, स्थानीय त्योहारों और शासकीय कार्यक्रमों में कभी भी सफाई के लिए लगा दिया जाता है, और रविवार को भी कार्य कराया जाता है। इस ऑनलाइन प्रक्रिया से वे अपमानित महसूस कर रहे हैं।
  • पारिवारिक आपातकाल: किसी कर्मचारी के परिवार में मृत्यु होने पर छुट्टी मिलने की प्रक्रिया भी ऑनलाइन हाज़िरी से जटिल हो जाती है।

वेतन और क्षतिपूर्ति राशि का मुद्दा

कर्मचारियों ने अपनी मुख्य मांग दोहराते हुए कहा कि वे हाज़िरी पंजी पर ईमानदारी से कार्य कर रहे हैं, इसलिए यह पुरानी प्रक्रिया ही जारी रखी जाए। साथ ही, उन्होंने वेतन भुगतान माह के पहले हफ्ते में करने की मांग की, ताकि वे अपनी ईएमआई (EMI) समय पर भर सकें।

संघ ने यह भी बताया कि शासन से आने वाली चुंगी क्षतिपूर्ति राशि (जिससे वेतन दिया जाता है) 15-20 तारीख तक आती है, और वह भी कटौती करके भेजी जाती है, जिससे वेतन भुगतान समय पर नहीं हो पाता है।

छुट्टन चावरिया ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी समस्याओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार नहीं किया गया और ऑनलाइन प्रक्रिया बंद नहीं की गई, तो समस्त सफाई कर्मचारी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

ज्ञापन सौंपने के दौरान प्रमुख रूप से छुट्टन चावरिया, विनोद बोयत, अन्ना नरवारे, राजू हंसारी, मुकेश चावरिया, कमलेश छवाये, मनोज दिशावरी, मनोज बोयत, किशोर नागर, अशोक चौहान, संतोष गोहर, राकेश टांक, संजय बोयत, देवकुमार, वंकट खरे, प्रकाश तेजी, अजय खरे, सतीराम भैरवे, राजू वैद्य, कमलेश खरे, सुनील, मुख्तार भाई, सन्नी संगेलिया सहित बड़ी संख्या में सफाई कर्मचारी उपस्थित रहे।

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