खरगोन, अग्निपथ। जिले में लगातार हो रही तेज और रिमझिम बारिश किसानों और जिनिंग संचालकों पर दोहरी मार बनकर टूट रही है। खेतों में खड़ी कपास की फसल गलने लगी है, वहीं जिनिंग फैक्ट्रियों में करोड़ों रुपये का कपास भीगकर खराब हो गया। हालात इतने बिगड़े कि कृषि उपज मंडी ने भी नीलामी कार्य बंद करने का ऐलान कर दिया है। इससे किसानों की परेशानी और बढ़ गई है।
जिनिंग फैक्ट्रियों में करोड़ों का नुकसान
रविवार दोपहर हुई तूफानी बारिश के चलते कसरावद रोड स्थित कई जिनिंग फैक्ट्रियों में पानी भर गया। केके फायबर्स और किसान जिनिंग सहित अन्य संस्थानों में भारी मात्रा में रखा कपास गीला होकर खराब हो गया।
केके फायबर्स जिनिंग संचालक प्रितेश अग्रवाल ने बताया कि महज आधे घंटे की तेज बारिश में करीब 700 क्विंटल कपास गीला हो गया। कई जगह पानी के तेज बहाव से कपास के ढेर तिनकों की तरह बह गए। अग्रवाल ने बताया कि करीब दो करोड़ रुपये से अधिक का कपास अब पूरी तरह बेकार हो गया, क्योंकि नमी और काला पड़ने से इसकी गुणवत्ता खत्म हो गई है।
खेतों में खड़ी फसल पर संकट
बारिश का असर केवल जिनिंग तक सीमित नहीं रहा। किसानों के मुताबिक, खेतों में खड़ी फसल भी गलने से कपास खराब होने लगी है। तैयार कपास मजदूर न मिलने और मंडी बंद होने के कारण खेतों में ही खड़ी है। तेज बारिश के चलते फूलकर खिला कपास पौधों से टूटकर गिर रहा है और भीगने से काला पड़ रहा है। ऐसे कपास की बाजार में कोई कीमत नहीं मिल पाती।
मंडी नीलामी कार्य स्थगित
लगातार खराब मौसम को देखते हुए कृषि उपज मंडी खरगोन की सचिव श्रीमती शर्मिला निनामा ने घोषणा की कि कपास की नीलामी 29 सितंबर से 4 अक्टूबर तक पूरी तरह बंद रहेगी। पहले इसे 30 सितंबर से 3 अक्टूबर तक बंद करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन स्थिति बिगड़ने के चलते अवधि बढ़ानी पड़ी। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे इस दौरान कपास मंडी प्रांगण में बिक्री के लिए न लाएँ।
किसानों की दुविधा : कपास खराब, मंडी बंद
बारिश से खेतों और जिनिंग दोनों जगह नुकसान होने से किसान दोहरी मुश्किल में हैं। खेत का कपास खराब हो रहा है, जबकि मंडी बंद होने से बची हुई उपज बेचने का रास्ता भी बंद हो गया है। किसान अब मौसम खुलने और मंडी शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।
