करोड़ों का प्रशासनिक संकुल बजट की बेडिय़ों से आजाद, क्या 4 महीने में पूरा होगा अधूरा ख्वाब?

धार, अग्निपथ। जिला मुख्यालय पर बन रहा भव्य नवीन कलेक्टर कार्यालय (प्रशासनिक संकुल) एक बार फिर सुर्खियों में है। पिछले एक महीने से बजट के अभाव में जिस प्रोजेक्ट की रफ्तार कछुआ चाल हो गई थी, उसमें अब नई जान फूंकने की तैयारी है। राशि का अलॉटमेंट होने के बाद अब उम्मीद जगी है कि जिले का यह सबसे बड़ा प्रशासनिक प्रोजेक्ट जल्द ही मूर्त रूप लेगा।

बजट का ब्रेक हटा: सवा करोड़ के भुगतान ने थामी थी रफ्तार

प्रोजेक्ट की निर्माण एजेंसी, भूमि प्रोकॉन प्राइवेट लिमिटेड, पिछले एक माह से वित्तीय संकट के कारण काम को केवल औपचारिक रूप से खींच रही थी। लगभग 1.25 करोड़ रुपये के बिलों का भुगतान अटकने से मुख्य निर्माण कार्य थम गया था। साइट पर केवल मु_ी भर मजदूरों से ग्रेनाइट कटिंग जैसे छोटे-मोटे काम कराकर काम जारी होने का दिखावा किया जा रहा था, जबकि हकीकत में भारी मशीनें शांत थीं।

समय कम, काम पहाड़ जैसा: अप्रैल 2026 की डेडलाइन

भले ही जी प्लस-2 स्ट्रक्चर खड़ा हो गया हो, लेकिन अभी भी 40 प्रतिशत काम बाकी है। प्रोजेक्ट की समय-सीमा अप्रैल 2026 तय है, जिसमें अब मात्र 4 महीने बचे हैं। इतने कम समय में ये बड़े काम पूरे करने की चुनौती है-

  • एक्सटीरियर: बाहरी एलीवेशन, ग्रेनाइट फिटिंग और रंगाई-पुताई।
  • इंफ्रास्ट्रक्चर: परिसर के भीतर लगभग 2 किमी लंबी सडक़ें और 1.5 किमी की बाउंड्रीवॉल।
  • सौंदर्यीकरण: परिसर को मिसाल बनाने के लिए दो विशाल उद्यानों का निर्माण।
  • कनेक्टिविटी का पेंच: नागरिकों को सता रहा लंबे चक्कर का डर।

योजना के अनुसार, इस संकुल को रतलाम रोड और वर्तमान कलेक्टर कार्यालय मार्ग से सीधी कनेक्टिविटी दी जानी है। यह मार्ग अधिवक्ताओं, आवेदकों और आंदोलनकारियों के लिए लाइफलाइन साबित होगा। यदि यह सडक़ समय पर नहीं बनी, तो आम जनता को दफ्तरों के चक्कर लगाने के लिए लंबा फासला तय करना पड़ेगा। फिलहाल, सडक़ निर्माण का काम ठंडे बस्ते में है।

किराए के भवनों की आस और छोटे रोजगारों पर संकट

शहर में वर्तमान में एक दर्जन से अधिक सरकारी दफ्तर किराए के भवनों में चल रहे हैं। नए संकुल के बनने से उम्मीद जागी है कि पुराने दफ्तर खाली होंगे और किराए के भवनों को मुक्ति मिलेगी। वहीं, एक बड़ा डर छोटे व्यवसायियों (फोटोकॉपी, टाइपिंग, कैंटीन संचालक) में है। उन्हें चिंता है कि नए आलीशान भवन में उनके रोजगार के लिए जगह आवंटित होगी या नहीं।

अधिकारी का पक्ष: अब आएगी काम में तेजी

भवन निर्माण के लिए राशि का अलॉटमेंट प्राप्त हो गया है। अटके हुए बिलों का भुगतान प्रक्रिया में है। अब निर्माण कार्य में गति आएगी और हम जल्द से जल्द इसे पूर्ण करने का प्रयास करेंगे।
— आलोक मंडलोई, प्रभारी ईई, पीआईयू धार

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