अवैध झूले लगे, सीसीटीवी कंट्रोल रूम से कर्मचारी नदारद
उज्जैन, अग्निपथ। कार्तिक मेला लगने से पूर्व इसकी देखरेख के लिये कई समितियों का गठन किया गया था। लेकिन इसके पदाधिकारियों के मेले में नहीं पहुंचने के कारण अव्यवस्थाओं का आलम पसरा हुआ है। रही सही कसर सहायक आयुक्त पूरा कर रहे हैं। वह अपने काम को सही तरह से अंजाम नहीं दे रहे हैं, लिहाजा जिस तरह से मेले का संचालन होना चाहिये, उस तरह से नहीं हो रहा है।
महापौर मुकेश टटवाल ने रविवार की देरशाम को एमआईसी सदस्य शिवेन्द्र तिवारी, कैलाज प्रजापत, उपायुक्त योगेन्द्र पटेल, सहायक आयुक्त प्रदीप सेन, सहायक यंत्री मनोज राजवानी के साथ कार्तिक मेले का दौरा किया। महापौर ने देखा कि बीच सड़क पर गुमटी लगी हुई हैं। अवैध झूले चल रहे हैं।
नगरनिगम की प्रदर्शनी अभी तक लगी नहीं है। सीसीटीवी कंट्रोल रूम से कर्मचारी नदारद हैं। यह देखकर उन्होंने उपायुक्त पटेल से इन अव्यवस्थाओं के बारे में पूछा तो उन्होंने सहायक आयुक्त सेन से सवाल जवाब किये। लेकिन मोबाइल पर बात करने में लीन सहायक आयुक्त सेन ने किसी भी सवाल का जवाब देना उचित नहीं समझा।
झूलों पर फायर एनओसी नहीं लगी
महापौर टटवाल ने झूलों पर फायर एनओसी सहित अनुमति पत्र चस्पा नहीं देखकर सवाल जवाब किये। यहां तक कि मेले में संचालित वाहन स्टैंड पर रेट भी नहीं लिखे गये थे। उन्होंने सुबह निगम गैंग द्वारा अवैध दुकानें और झूले हटाये जाने को लेकर भी संज्ञान लिया। यहां पर निगम गैंग और अतिक्रणकारियों के बीच हुए विवाद को भी गंभीरता से लिया।
मेले के लिये बनाई गई समिति सदस्य नदारद
कार्तिक मेले के लिये कई समितियां बनाई गई थीं। इन समितियों के पदाधिकारी इसके बाद से ही मेले की व्यवस्था को देखने नहीं आये हैं। केवल हार्डिंग और पोस्ट में ही उनको सुशोभित देखा जा सकता है। जानकारी में तो यह भी आया कि एक पार्टी पदाधिकारी को मेले में गाने पर पेमेंट भी कर दिया गया।