इंदौर, अग्निपथ। इंदौर और उज्जैन जिले के किसानों ने बुधवार को एक बड़ा प्रदर्शन करते हुए इंदौर-उज्जैन ग्रीन फील्ड कॉरिडोर परियोजना को तत्काल रद्द करने की मांग की। किसानों ने अपनी उपजाऊ जमीन के अधिग्रहण का विरोध किया और साथ ही सोयाबीन की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर करने तथा मुआवजा दरों को बढ़ाने जैसी प्रमुख मांगें भी रखीं। इस विरोध प्रदर्शन के बाद किसानों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
इस प्रदर्शन में इंदौर और उज्जैन जिले के किसान करीब 1,000 (एक हज़ार) ट्रैक्टर लेकर इंदौर पहुँचे थे। करीब 5,000 (पाँच हज़ार) से ज़्यादा किसान हातोद और आसपास के गाँवों से रैली के रूप में आए और उन्होंने सरकार तथा कांग्रेस दोनों के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान धार रोड पर करीब 2 (दो) किलोमीटर लंबा जाम लग गया, जिससे आवाजाही करने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा और वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
ग्रीन फील्ड कॉरिडोर से उज्जैन के 8 गाँव प्रभावित
यह ग्रीन फील्ड कॉरिडोर परियोजना इंदौर की साँवेर और हातोद तहसीलों के करीब 20 (बीस) गाँवों और उज्जैन जिले के 8 (आठ) गाँवों को प्रभावित कर रही है। परियोजना के लिए 1,100 (एक हज़ार एक सौ) हेक्टेयर उपजाऊ जमीन अधिग्रहित की जा रही है। किसान नेता बबलू जाधव ने आरोप लगाया कि सरकार ने बिना पर्याप्त सर्वे और आकलन के यह योजना लागू कर दी है, जिससे किसानों की आजीविका खतरे में है।
उज्जैन से आए किसान राजेश सौलंकी ने कॉरिडोर का विरोध करते हुए कहा कि करोड़ों (करोड़ों) की जमीनों के लिए मामूली मुआवजा दिया जा रहा है, जिससे किसानों को कोई लाभ नहीं होगा।
मुआवजे की दर और फसलों के दाम पर नाराज़गी
किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा तय मुआवजा दर बाज़ार मूल्य से बहुत कम है। कानकरिया के किसान वीरेंद्र चौहान ने कहा कि गाइडलाइन के अनुसार दोगुना मुआवजा देने की बात कही जा रही है, जबकि जमीन के वास्तविक दाम पाँच गुना तक बढ़ चुके हैं। किसानों ने यह भी कहा कि निरंतर नीतियों और योजनाओं में किसानों के हितों की अनदेखी हो रही है।
कलेक्टर तक जाने की ज़िद, ज्ञापन सौंपकर प्रदर्शन समाप्त
किसान ट्रैक्टर लेकर कलेक्ट्रेट तक जाना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें धार रोड पर नूरानी नगर के पास रोक दिया। रैली के दौरान करणी सेना परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर ने किसानों से अपील की कि वे चुनाव के समय नेताओं को गाँव में घुसने न दें। इसके बाद किसानों ने एडीएम रोशन रॉय को ज्ञापन सौंपकर अपनी माँगें रखीं और प्रदर्शन समाप्त किया।
