देवास, अग्निपथ। ऑनलाइन निवेश के नाम पर आम लोगों को भारी मुनाफे का सपना दिखाकर ठगने वाले साइबर अपराधियों के खिलाफ पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। क्रिप्टो करेंसी में मात्र कुछ ही दिनों में रकम दोगुनी करने का लालच देकर की जा रही धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने डिजिटल ट्रेल के आधार पर गिरोह का पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस ने मात्र 13 दिनों के भीतर पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करते हुए ठगी की पूरी राशि बरामद कर ली है। साथ ही अपराध में इस्तेमाल मोबाइल उपकरण भी जब्त किए गए हैं।
पूरे मामले की जानकारी देते हुए एसपी पुनीत गेहलोद ने बताया कि 6 दिसंबर को आनंद विहार कॉलोनी निवासी फरियादी चेतनसिंह सोलंकी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्हें अज्ञात आरोपियों ने व्हाट्सएप के माध्यम से क्रिप्टो करेंसी में भारी मुनाफे का लालच देकर किश्तों में कुल 1,04,100 रुपये की धोखाधड़ी की थी। शिकायत पर औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने धारा 318(4) बीएनएस 2023 के तहत प्रकरण दर्ज किया था। एसपी के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जयवीरसिंह भदौरिया और सीएसपी सुमित अग्रवाल के नेतृत्व में थाना प्रभारी शशिकांत चौरसिया की एक विशेष टीम गठित की गई।
पुलिस टीम ने तकनीकी साक्ष्यों का विश्लेषण करते हुए उन बैंक खातों को फ्रीज करवाया जहां पैसा ट्रांसफर हुआ था। पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें बबलू मकवाना उर्फ अजय, लखन पंवार, राहुल तोमर, अरीब अली खान उर्फ अली और अलवहीद खान उर्फ रूमी शामिल हैं। आरोपियों ने पूछताछ में अपना जुर्म स्वीकार करते हुए बताया कि उन्होंने पहचान छुपाकर फरियादी को निवेश का लालच दिया था।
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से फ्रॉड की राशि 1,04,100 रुपये और करीब 1,29,000 रुपये कीमत के 6 एंड्रॉइड मोबाइल फोन बरामद किए हैं। गिरफ्तार आरोपियों में बबलू मकवाना निवासी उज्जैन, लखन पंवार निवासी उज्जैन, राहुल तोमर निवासी बडनगर, अरीब अली खान और अलवहीद खान निवासी उज्जैन शामिल हैं। इस सराहनीय कार्रवाई में थाना प्रभारी शशिकांत चौरसिया, उनि राकेश चौहान, नरेन्द्र अम्करे, गौरव नगावत, साइबर सेल के सचिन चौहान सहित अन्य टीम सदस्यों की मुख्य भूमिका रही।
