क्रिसमस मेले पर अनुमति का अंकुश: एसडीएम व नगर पालिका की एनओसी के बिना नहीं लग पा रहे झूले व दुकानें

हिन्दूवादी संगठन भी दे चुका है मेला नहीं लगाने का ज्ञापन

झाबुआ, अग्निपथ। क्रिसमस पर्व में 2-3 दिन ही ओर शेष रह गए हैं। क्रिसमस पर प्रतिवर्ष एक सप्ताह तक लगने वाला मेला अर्थात झूले-चकरी और दुकानों को लेकर इस बार अत्यधिक असमंजस होने के साथ मेले में झूले-चकरी और दुकानें लगाने वालों को अत्यधिक विरोध और लड़ाई-झगड़े का भी सामना करना पड़ रहा है।

ऐसा ही पिछले दिनों रात्रि में हुआ, जब उत्कृष्ट विद्यालय मैदान पर झूले-चकरी एवं दुकाने लगाने हेतु संबंधित ठेकेदार के साथ मेला आयोजक पहुंचे, तो उत्कृष्ट विद्यालय प्रबंधन द्वारा मेला लगाने से यह कहते हुए मना कर दिया गया कि यहां आगामी दिनों में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन होना है और वर्तमान में भी सत्त विभिन्न क्रिकेट प्रतियोगिताएं चल रहीं हैं। ऐसे में ठेकेदार और मेला आयोजकों के समक्ष बड़ा प्रश्न यह है कि आखिर वह झूले-चकरी और दुकाने कहां लगाए..?

इस बीच मिली जानकारी के अनुसार मेले में झूले-चकरी लगाने वाले ठेकेदार के पास पूर्व में एसडीएम झाबुआ से ली गई अनुमति को लेटर भी मौजूद है। जिसमें एसडीएम द्वारा 22 दिसंबर-2021 से 2 जनवरी-2022 तक झूले-चकरी यथोचित स्थान पर लगाने की अनुमति दी गई है। वहीं इस संबंध में मेला आयोजकों द्वारा नगरपालिका में उत्कृष्ट विद्यालय मैदान पर मेला लगाने के लिए राशि जमा कर एनओसी भी प्राप्त की गई है। फिर आखिर उन्हें क्यो उत्कृष्ट मैदान पर मेला लगाने नहीं दिया जा रहा है, यह बड़ा विषय है।

वहीं उत्कृष्ट विद्यालय मैदान पर प्रतिदिन खेल से जुड़े खिलाडिय़ों का कहना है कि यदि यहां झूले-चकरी और दुकाने लगती हैं तो इससे मैदान को काफी नुकसान पहुंचता है। मैदान पूरी तरह से गड्ढ़ों में तब्दील होने के साथ कूड़ा-कचरे से पट जाता है। मैदान का सौंदर्यीकरण पूरी तरह से नष्ट हो जाता है। इसी को लेकर एवं आगामी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के उत्कृष्ट विद्यालय मैदान पर आयोजन के मद्देनजर विद्यालय प्रबंधन की ओर से यहां मेला लगाने की अनुमति देने से साफ तौर पर इंकार किया जा रहा है, तो फिर नगरपालिका द्वारा किस तरह मेला आयोजकों से राशि जमा करवाकर उन्हें यहां झूले-चकरी लगाने की एनओसी प्रदान की गई, यह भी बड़ा विचारणीय प्रश्न है।
पिछले एक सप्ताह से सामान आकर ट्रकों में भरा पड़ा

इस बार झूले-चकरी लगाने का ठेका स्थानीय स्तर पर एक युवक द्वारा लिया गया है। जिनका कहना है कि हमारे पास नियमानुसार एसडीएम महोदय से झूले-चकरी लगाने की अनुमति होने के साथ नगरपालिका से एनओसी भी प्राप्त है, तो फिर हमे क्यो झूले-चकरी लगाने नहीं दिया जा रहा है। पिछले एक सप्ताह से बाहर से मेले में लगने वाले झूले-चकरी का सामान ट्रकों और आयसरों में भरकर मंगवाया गया है।

यह वहन दिलीप क्लब प्रांगण के अंदर, विजय स्तंभ तिराहा और उत्कृष्ट विद्यालय मैदान पर खड़े हुए है, लेकिन तमाम तरह के विरोधों और असमंजस के बीच मेला आयोजक ना तो झूले-चकरी लगा पा रहे हैं, और ना ही दुकानदार अपनी दुकानें। ऐसे में बड़ा प्रश्य यह पैदा होता है, इस बार क्रिसमस पर लगने वाला मेला लगेगा या नहीं और यदि मेला आयोजित भी होता है, तो उसमें जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की ओर से व्यवस्थाओं और सुरक्षा के मद्देनजर किस तरह के इंतजाम किए जाएंगे..? चूंकि हिन्दू संगठनों की ओर से चेतावनी दी गई है कि यदि मेला लगा, तो इसका उग्र विरोध किया जाएगा।

दिलीप क्लब प्रांगण पर नहीं लग सकते सभी झूले-चकरी

ठेकेदार के अनुसार दिलीप क्लब प्रांगण छोटा होने से यहां केवल 2-3 झूले ही लग सकते है, जबकि उन्हें 10-12 झूले लगाना है। मेले में लगने वाली छोटी-मोटी दुकानें तो फिर भी जिला चिकित्सालय रोड, मेन बाजार और बस स्टैण्ड के पीछे संचालित हो सकती है, लेकिन झूले-चकरी कहां पर लगेंगे, यह तय नहीं हो पा रहा है। नगरपालिका प्रांगण में तार फेंसिंग होने से एवं वाहन खड़े रहने से यहां भी सभी झूले-चकरी लगाया जाना संभव नहीं है।

ऐसे में मेला लगाने के लिए केवल एक ही स्थान उत्कृष्ट विद्यालय मैदान उपयुक्त दिखाई पड़ता है, जिसे देने को लेकर विद्यालय प्रबंधन साफ तौर पर इंकार कर चुका है। बाडक़ुआं या कॉलेज मैदान के समीप यदि झूले-चकरी संचालित किए जाते है तो उक्त स्थान शहर से दूर होने के साथ वर्तमान में कडक़ड़ाती ठंड के बीच इतना दूर जाना ग्रामीणों के साथ शहरी लोगों का आना भी संभव नहीं है। पूरा मामला फिलहाल उलझन है। जिसके संबंध में अधिकृत जानकारी मेला आयोजक तो ठीक जिला प्रशासन और नगरपालिका के अधिकारी भी देने से कतरा रहे है।

कड़ाके की ठंड में दिलीप क्लब प्रांगण में रहने के साथ भोजन भी बना रहे

उधर मेले में झूले-चकरी का सामान लेकर राजस्थान से 4-5 ट्रक और आयसर लेकर आए 10-10 लोग दिलीप क्लब प्रांगण में ही रूके हुए हैं। उनके द्वारा वर्तमान में कडक़ड़ाती ठंड के बीच ही यहां रात्रि में खुले में बिस्तर बिछाकर और रजाई ओढक़ार अपना जीवन यापन करना पड़ रहा है। साथ ही भोजन के लिए भी जुगात लगाते हुए बाहर से सब्जियां और आटा खरीदकर प्रांगण में चुल्हे पर खाना बनाकर अपना गुजर-बसर कर रहे हैं।

उनसे चर्चा करने उन्होंने बताया कि ठेकेदार द्वारा हमे राजस्थान से एक सप्ताह पूर्व से बुलवा लिया गया है। फिलहाल झूले-चकरी नहीं लग पाने से हमारे समय के साथ काफी आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। इस ओर जिला प्रशासन को ध्यान दिया जाने की आवश्यकता है।

जवाबदारों का कहना है

मेले के स्थान से संबंधित अधिकृत जानकारी एसडीएम महोदय ही दे पाएंगे, हमारा काम एनओसी देने का है, वह जारी कर दी गई है। -एलएस डोडिया, सीएमओ, नगरपालिका झाबुआ

हां यह सही है कि मेला लगाने हेतु लिखित अनुमति दी गई है। जिसमें स्थान का कोई उल्लेख नहीं है। यदि उत्कृष्ट विद्यालय मैदान पर विद्यालय प्रबंधन मेला लगाने से मना कर रहा है और नगरपालिका ने उत्कृष्ट विद्यालय मैदान पर मेला लगाने की एनओसी दी है, तो वह उनका निजी विषय है।-एलएन गर्ग, एसडीएम झाबुआ

उत्कृष्ट विद्यालय मैदान पर राज्य स्तरीय प्रतियोगिता आगामी दिनों में होना है, इसके लिए वहां अनुमति नहीं दी जा सकती है। मेेरे द्वारा झूले-चकरी और दुकानों के लिए स्थान चयन के लिए एसडीएम को निर्देशित कर दिया गया है। – सोमेश मिश्रा, कलेक्टर, झाबुआ

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