खरगोन, अग्निपथ। खरगोन जिले में पेयजल व्यवस्था की बागडोर अब ग्राम स्तर पर महिला स्वयं सहायता समूहों की ‘दीदियाँ’ संभालेंगी। कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल के निर्देशानुसार, जल जीवन मिशन के तहत नल जल योजनाओं के सुचारु संचालन, संधारण, जलकर वसूली और जल गुणवत्ता जाँच की जिम्मेदारी इन महिला समूहों को सौंपी जा रही है। इसके लिए जिले में बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें अब तक 311 ग्रामों के कुल 2810 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
कार्यपालन यंत्री के मार्गदर्शन में चल रहे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभागीय अमला, ब्लॉक समन्वयक और रसायनज्ञों द्वारा ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों तथा स्वयं सहायता समूह की दीदियों को योजना के तकनीकी और संचालन संबंधी जानकारी दी जा रही है।
इसमें जल गुणवत्ता की जाँच की विधि और नियमित जलकर वसूली की प्रक्रिया भी सिखाई जा रही है। प्रशिक्षण के दौरान दीदियों को यह भी बताया जा रहा है कि ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति का अलग खाता कैसे खोला जाए और उसमें जलकर कैसे जमा किया जाए। इसके लिए अब क्यूआर कोड की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे ग्रामीण सीधे जलकर जमा कर सकेंगे।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अगस्त माह तक पूरा कर लिया जाएगा। जिले के 09 विकासखंडों में से गोगांवा में 27 ग्रामों से 261, खरगोन में 20 ग्रामों से 146, भगवानपुरा में 48 ग्रामों से 205, कसरावद में 43 ग्रामों से 438, बड़वाह में 37 ग्रामों से 184, भीकनगाँव में 34 ग्रामों से 538, सेगाँव में 22 ग्रामों से 220, झिरन्या में 37 ग्रामों से 555 और महेश्वर में 43 ग्रामों से 263 प्रतिभागी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं।
