गांजा तस्करी के छह आरोपी दोषी करार, 20 साल का कठोर कारावास

सीहोर, अग्निपथ। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की इंदौर आंचलिक इकाई ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए अंतरराज्यीय गांजा तस्करी में शामिल छह आरोपियों को दोषी ठहराने में सफलता प्राप्त की है। एनसीबी के विशेष लोक अभियोजक श्री शिव प्रसाद दलोद्रिया ने इस संबंध में जानकारी दी।

यह मामला जुलाई 2022 का है, जब एनसीबी इंदौर ने दो वाहनों (एक आयशर ट्रक और एक महिंद्रा स्कॉर्पियो) से 882.72 किलोग्राम गांजा जब्त किया था। यह मादक पदार्थ ओडिशा से मध्य प्रदेश लाया जा रहा था। इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।
इस संबंध में स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस) के तहत जनवरी 2023 में माननीय विशेष जिला एवं सत्र न्यायालय, सीहोर में एक परिवाद दायर किया गया था।

31 अगस्त को विशेष न्यायाधीश श्री हेमंत जोशी ने सभी छह आरोपियों को दोषी करार दिया। आरोपियों में आशीष प्रधान (ओडिशा), अर्जुन सिंह सेंगर (महाराष्ट्र), रुपेश साहू (छत्तीसगढ़), और विष्णु प्रसाद पटेल, शशिकांत यादव तथा पवन यादव (तीनों मध्य प्रदेश के सागर निवासी) शामिल हैं।

न्यायालय ने प्रत्येक दोषी को 20 वर्ष का कठोर कारावास और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह सजा एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के प्रावधानों के तहत दी गई है।

एनसीबी ने कहा कि यह निर्णय इन्वेस्टिगेशन विनय नरवरिया की सही जाँच और अभियोजन के माध्यम से ड्रग फ्री इंडिया के लक्ष्य को साकार करने की उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

जनता से सहयोग की अपील

मादक पदार्थ तस्करी के खिलाफ लड़ाई में एनसीबी नागरिकों से सहयोग की अपेक्षा करता है। कोई भी व्यक्ति मादक पदार्थों की बिक्री से संबंधित जानकारी राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर 1933 पर कॉल करके साझा कर सकता है। सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाती है।

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