डायटीशियन को भी थमाया नोटिस, स्पेशल थाली के 98 और सामान्य थाली का शासन 48 रुपये देता है एजेंसी को
उज्जैन, अग्निपथ। चरक अस्पताल सहित तीन अस्पतालों में दो वक्त का भोजन और एक वक्त का नाश्ता सप्लाय करने वाले भोजनशाला संचालक को सिविल सर्जन ने कारण बताओ नोटिस दिया है। वहीं इसकी देखरेख करने वाले अस्पताल के कर्मचारी डायटीशियन को भी नोटिस थमाया गया है।
चरक अस्पताल की भोजनशाला को टेंडर के माध्यम से ठेके पर चलाया जा रहा है। विगत अप्रैल माह में अस्पताल के मरीजों को भोजन प्रदाय करने का जिम्मा अरिहंत मार्केटिंग ने लिया था। तभी से इस एजेंसी के द्वारा चरक अस्पताल, माधव नगर अस्पताल और जीवाजीगंज अस्पताल में करीब 300 से 350 भोजन थालियों का वितरण किया जा रहा था। दोनों टाइम भोजन प्रदाय करने के अलावा एजेंसी द्वारा सुबह और शाम का नाश्ता भी मरीजों को दिया जाता है।
जिसका शासन द्वारा स्पेशल थाली जोकि गर्भवती महिला, धात्री महिला और एसएनसीयू में भर्ती मरीजों को प्रति थाली 98 रुपये प्रदान किया जाता है। इसके साथ ही सादी थाली भी प्रदाय की जाती है जोकि भर्ती मरीजों के लिये शासन इसका 48 रुपये प्रति थाली के हिसाब से भुगतान करता है।
रोटी जल गई थी, वितरण नहीं किया गया
भोजनशाला संचालित करने वाले अरिहंत मार्केटिंग एजेंसी के संचालक ललित राजावत ने बताया कि हमारे यहां आटोमेटिक मशीन से रोटी बनाई जाती है। उस दिन आटे का डबल लोया मशीन के अंदर चले जाने के कारण चार रोटियां जल गई थीं। लेकिन पैक करने वाले कर्मचारी ने इन जली हुई रोटियों को भी पैक कर भेज दिया था।
जिसके पनिशमेंट स्वरूप उस कर्मचारी का एक दिन का वेतन भी हमारे द्वारा काटा गया है। चरक अस्पताल में प्रतिदिन 300 के करीब थालियां जाती हैं। यहां से किसी ने भी कभी शिकायत नहीं की है। अक्सर शिकायतें माधव नगर अस्ताल से ही आती हैं। जबकि वहांं पर केवल 12 से 15 थालियां ही प्रतिदिन वितरित होती हैं।
माधव नगर में भर्ती मरीजों ने की शिकायत
जानकारी में आया है कि माधव नगर अस्पताल में एजेंसी द्वारा प्रदाय खराब खाने की शिकायत सिविल सर्जन संगीता पलसानिया से की गई थी। जिस पर श्रीमती पलसानिया ने एजेंसी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया है। इसके साथ ही अस्पताल के डायटीशियन केसरसिंह पटेल को भी सूचना पत्र जारी किया गया है। ज्ञात रहे कि भोजन शाला से प्रतिदिन अलग अलग मीनू का खाना प्रदाय किया जाता है। शासन द्वारा पूरे सप्ताह का मीनू बनाकर दिया गया है, जिसका पालन भोजनशाला संचालक को करना पड़ता है।
इनका कहना
मरीजों के मार्फत सूचना मिली थी कि उनको खराब खाना दिया जा रहा है। नियमानुसार भोजनशाला संचालित करने वाली एजेंसी को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। इसके साथ ही डायटीशियन से भी कारण पूछा गया है।
– डॉ. संगीता पलसानिया, सिविल सर्जन
