दिल्ली पब्लिक स्कूल में हुआ आयोजन
उज्जैन, अग्निपथ। वर्तमान युग में तेजी से बदलती तकनीक के साथ कदमताल करते हुए, शिक्षा के क्षेत्र में एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डिजिटल शिक्षा से जोड़ना है। इसी कड़ी में, दिल्ली पब्लिक स्कूल में विद्यार्थियों को डिजिटल मार्केटिंग का प्रशिक्षण देने हेतु एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर, दिल्ली पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर सुमित शर्मा ने छात्रों को डिजिटल मार्केटिंग के महत्व और उसे अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक शिखर पर ले जाने के तरीके बताए। उन्होंने पैनल के माध्यम से प्रशिक्षण दिया कि कैसे कोई भी अपने व्यवसाय का प्रचार-प्रसार कर उसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचा सकता है। शिविर में विज्ञापन डिज़ाइन करने के विभिन्न पहलुओं पर भी छात्रों को प्रशिक्षित किया गया, जिससे वे अपने उत्पादों और सेवाओं को आकर्षक ढंग से प्रस्तुत कर सकें।
AI का महत्व और छात्रों के प्रश्न
इस शिविर में सहयोगी संस्था के रूप में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पीएलवी अनीता पवार और श्री विनायक क्रिएटिव वेलफेयर सोसाइटी के संचालक चेतन अहिरवार ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की विस्तृत जानकारी दी और इसके महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला। छात्रों ने AI को लेकर कई उत्सुकता भरे प्रश्न पूछे, जिनका संतोषजनक उत्तर देकर उन्हें जागरूक रहने का संदेश दिया गया। यह सत्र छात्रों के लिए विशेष रूप से ज्ञानवर्धक रहा, क्योंकि उन्हें भविष्य की तकनीक से सीधे जुड़ने का अवसर मिला।
डिजिटल मार्केटिंग का बढ़ता महत्व
शिविर में विशेष रूप से उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार एस.एन. शर्मा ने छात्रों को आज के समय में डिजिटल मार्केटिंग के महत्व से अवगत कराया। उन्होंने विद्यार्थियों से अपेक्षा की कि वे शिक्षा के साथ-साथ अभी से डिजिटल मार्केटिंग सीखकर अपनी आर्थिक मदद कर सकते हैं। यह कौशल उन्हें भविष्य में स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने और बदलते बाजार की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम बनाएगा।
शिविर में उपस्थित सभी अतिथियों का विद्यालय की प्राचार्या पुष्पा चौधरी द्वारा स्वागत किया गया। यह पहल छात्रों को न केवल अकादमिक रूप से मजबूत बनाएगी, बल्कि उन्हें व्यावहारिक कौशल से भी लैस करेगी, जो उन्हें डिजिटल युग में सफल होने में मदद करेगा। इस तरह के कार्यक्रम छात्रों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
