डॉ.अवधेशपुरी महाराज करेंगे शिप्रा के जल से ज्ञानवापी के शिवलिंग का अभिषेक

भक्तों के साथ रवाना होंगे वाराणसी-संविधान देता है धार्मिक स्वतंत्रता की आजादी

उज्जैन, अग्निपथ। भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन के क्रांतिकारी संत डॉ अवधेशपुरी महाराज अपने भक्तों के साथ माँ क्षिप्रा के पवित्र जल से ज्ञानवापी परिसर में आदि विश्वेश्वर शिवलिंग का अभिषेक करेंगे।

अखाड़ा परिषद उज्जैन के पूर्व अध्यक्ष एवं रामचरित मानस में पीएचडी क्रांतिकारी संत का मानना है कि मैं एक नागा सन्यासी होने के नाते अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपने आराध्य देव का पूजन अभिषेक करूँगा। हमारा संविधान जब हमें धार्मिक स्वतंत्रता, समानता एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आदि मूल अधिकार प्रदान करता है। जब ज्ञानवापी में मुस्लिम समुदाय के लोगों को नमाज पढऩे की अनुमति है तो हिन्दुओं को भी भगवान विश्वेसर के पूजन एवं अभिषेक की अनुमति होनी चाहिए। एक देश एवं एक संविधान है तो फिर यह दोहरे मापदण्ड क्यों? ज्ञानवापी में विराजमान आदि विश्वेश्वर शिवलिंग के लिए 353 वर्ष से न्याय की प्रतीक्षा केवल नन्दी महाराज ही नहीं वरन सम्पूर्ण हिन्दू समाज भी कर रहा है।

अब जब निरीक्षण के उपरान्त आदि विश्वेश्वर शिवलिंग प्राप्त हो ही गए हैं तो अब उनके पूजन एवं अभिषेक में हिन्दुओं को किसी भी प्रकार का व्यवधान स्वीकार नहीं है। अब हिन्दुओं के धैर्य की इससे अधिक परीक्षा लेना सर्वथा अनुचित है। अत: जिस प्रकार भगवान श्रीरामलला का प्रकरण सैकड़ों वर्ष तक चलने के उपरान्त भी श्रीरामलला का पूजन – अर्चन निरन्तर चलता रहा था ठीक उसी प्रकार जब स्पस्ट रूप से आदि विश्वेश्वर शिवलिंग के दर्शन हो चुके हैं तो निश्चित रूप से हिन्दुओं को पूजन व अभिषेक का अधिकार भी मिलना चाहिए। विधर्मियों द्वारा सैकड़ों वर्ष से अपमानित हो रहे करोड़ों हिन्दुओं की आस्था के प्रतीक भगवान आदि विश्वेश्वर शिवलिंग को अब बिना अभिषेक-पूजन के नहीं छोड़ा जा सकता।

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