सीएम डॉ. मोहन यादव का वैज्ञानिकों से आह्वान, इस स्थान को विश्व की कालगणना का केंद्र बनाएं
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन कालगणना का सबसे बड़ा केंद्र है। आज सूर्य उत्तरायण से दक्षिणायन हो रहा है। यह साल में एक बार होने वाली महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है। यह हमारा सौभाग्य है कि इसका केंद्र उज्जैन है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को उज्जैन से 35 किलोमीटर दूर महिदपुर के ग्राम डोंगला में स्थित पद्मश्री डॉ. विष्णु श्रीधर वाकरणकर वेधशाला में हाईटेक तारामंडल के लोकार्पण समारोह में कही। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार प्रयास कर रही है कि काल गणना के केंद्र उज्जैन और महिदपुर के डोंगला को दुनिया के मानचित्र पर स्थापित किया जाए। सीएम डॉ. यादव ने वैज्ञानिकों से आव्हान किया कि यहां ऐसे प्रयोग किए जाए कि इस स्थान को दुनिया के सामने कालगणना के विश्वस्त स्थान के रूप में रखा जा सके और दुनिया को सूर्योदय का महत्व बताते हुए सूर्योदय के साथ कालगणना की परंपरा को शुरू किया जाए।
27.5 हजार साल में स्थान बदलता है पृथ्वी का केंद्र
पहले कर्क रेखा उज्जैन के महाकाल मंदिर से होकर गुजरती थी लेकिन 5 हजार साल में डोंगला आई। अब हजारों साल बाद वापस इस स्थान को बदलकर पृथ्वी के केंद्र का परिवर्तन होगा। यह खोज का विषय है कि अगला पाइंट क्या होगा। हालांकि कर्क रेखा 27.5 हजार साल में एक पाइंट से दूसरे पाइंट पर जाती है।
रात के 12बजे समय तय नहीं, सूर्योदय और सूर्यास्त से दिन बदलता है
मुख्यमंत्री डॉ. यादव डोंगला में हेलिकॉप्टर से पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने वेधशाला में स्थापित शंकुयंत्र का अवलोकन किया। यहां उन्हें घनश्याम रतनानी ने शंकुयंत्र के खगोलीय महत्व के बारे में बताया। इसके बाद सीएम ने शंकुयंत्र के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह गोलाकार पृथ्वी है और बीचोंबीच नाभिकेंद्र। यह पृथ्वी का केंद्र बिंदू हैं।
आज सूर्य उत्तरायण से दक्षिणायन जाएंगे। दिन सबसे बड़ा रहेगा। आज कर्क संक्रांति है। कर्क संक्रांति से मकर संक्रांति के बीच सूर्य की गति को देखने के लिए प्राचीन यंत्र शंकुयंत्र बनाया जाता है। सूर्य की गति को ऊपर से नहीं देखा जा सकता इसके लिए पृथ्वी पर शंकुयंत्र के माध्यम से सूर्य के परिचालन का माप लगाया जा सकता है। ग्रीनवीच से जो स्टैंडर्ड टाइम तय करते हैं वो गलत है। रात के 12 बजे समय तय नहीं होता। सूर्योदय और सूर्यास्त की गति हमारे लिए समय का आदर्श है।
भारत युद्ध की नहीं गौतम बुद्ध की भूमि
सीएम ने कहा आज 11 वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है। योग विश्व को भारत की देन है। योग को विश्व समुदाय तक पहुचाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बड़ा योगदान है। विश्व के मुस्लिम देश हो या इसाई सभी योग कर रहे हैं। दुनिया के 200 से ज्यादा देशों में योग हो रहा है। दुनियाभर में युद्ध चल रहे हैं लेकिन हमारी भारत भूमि युद्ध की नहीं गौतम बुद्ध की भूमि है।
यह हुए शामिल
प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, सांसद अनिल फिरोजिया, अपर मुख्य सचिव संजय दुबे, महानिदेशक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद डॉ अनिल कोठारी, वैज्ञानिक गंटी एस मूर्ति, डॉ अरविंद रानाडे, राजेश धाकड, पूर्व विधायक बहादुरङ्क्षसह चौहान, संभागायुक्त संजय गुप्ता, कलेक्टर रोशन सिंह, एसपी प्रदीप शर्मा अािद।
एमओयू साइन- भारतीय ज्ञान परंपरा के प्रमाणीकरण का कार्य होगा
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की उपस्थिति में भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय के भारतीय ज्ञान परंपरा डिविजन नई दिल्ली तथा मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के बीच एमओयू साइन किया गया। जिसके अंतर्गत भारतीय ज्ञज्ञ्क्र परंपरा के प्रमाणीकरण दस्तावेजीकरण और मानकीकरण के कार्य किए जाएंगे।
इसके अलावा आगामी मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले राष्ट्रीय ड्र्रोन एवं रोबोटिक्स हैकाथॉन पोस्टर का विमोचन किया गया साथ ही आगामी जनवरी में भारतीय ज्ञान प्रणाली तथा एमपीपीसीएसटी द्वारा आयोजित की जाने वाली अंतरराष्ट्रीय कान्फ्रेंस के पोस्टर का भी विमोचन किया गया।