पोलायकला, अग्निपथ। भारतीय किसान संघ की अवंतीपुर बड़ोदिया तहसील इकाई ने मंगलवार को ट्रैक्टर और दोपहिया वाहनों की एक विशाल रैली निकाली। इस रैली में सैकड़ों किसान शामिल हुए। रैली का उद्देश्य फसल नुकसान और अन्य मांगों को लेकर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपना था। हालांकि, तहसीलदार की अनुपस्थिति से किसान नाराज हुए और उन्होंने तहसील कर्मचारी को प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और कलेक्टर के नाम का ज्ञापन सौंपा।
विरोध प्रदर्शन और आरोप
यह रैली नए बस स्टैंड परिसर, अवंतीपुर बड़ोदिया से शुरू हुई और ‘किसान एकता जिंदाबाद’ के नारे लगाते हुए तहसील कार्यालय पहुंची। इस मौके पर भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष सवाई सिंह सिसोदिया ने तहसीलदार पर हठधर्मिता का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह लगातार दूसरी बार है, जब पूर्व सूचना देने के बाद भी तहसीलदार और अन्य कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए हैं। इस अनदेखी को लेकर उन्होंने कलेक्टर को अवगत कराने की बात कही। किसानों के ज्ञापन सौंपने के लगभग दस मिनट बाद कालापीपल के तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव वहां पहुंचे।
किसानों की प्रमुख माँगें
किसान संघ ने सरकार पर कुंभकर्ण की नींद सोने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार खुद को किसानों का हितैषी बताती है, लेकिन अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार सर्वे और क्रॉप कटिंग के नाम पर किसानों को धोखा दे रही है।
- प्राकृतिक आपदा घोषित करें: किसानों ने मांग की कि सरकार को आरबीसी की धारा 6/4 के तहत फसल नुकसान को प्राकृतिक आपदा घोषित कर मुआवजा देना चाहिए।
- बीमा कंपनियों पर कार्रवाई: उन्होंने बताया कि बीमा कंपनियां भी अपना पल्ला झाड़ रही हैं और कई किसान पिछली फसल बीमा से भी वंचित हैं।
- सेटेलाइट सर्वे का विरोध: किसानों ने सेटेलाइट सर्वे का विरोध करते हुए कहा कि इसकी बजाय पटवारी और बीमा कंपनी को खेत की इकाई मानकर सर्वे करना चाहिए, ताकि फसल का सही आकलन हो सके।
- मुनासिब दाम: किसानों ने कहा कि सोयाबीन की फसल में पीला मोजेक और अफलन के कारण 85% तक नुकसान हो चुका है। वे सिर्फ अपनी फसलों का उचित दाम चाहते हैं, क्योंकि खेती की लागत दिन-ब-दिन बढ़ रही है।
इस अवसर पर तहसील अध्यक्ष हंसराज उपलवादिया, प्रभारी ललित नागर, उपाध्यक्ष देवकरण जावरिया, राजेंद्र वर्मा, तहसील मंत्री राजेंद्र उपाध्याय, जिला कार्यकारिणी सदस्य रघुनंदन उपलवदिया, जिला मंत्री मुकेश पाटीदार, प्रेमनारायण पटवारी, जगदीश जावरिया और छतर सिंह मालवीय सहित सैकड़ों किसान उपस्थित थे।
