धार, अग्निपथ। औद्योगिक नगरी पीथमपुर में अपनी पत्नी की गला दबाकर हत्या करने के मामले में, धार कोर्ट ने दूसरे पति आरोपी नारायण पिता शेर सिंह डावर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी ने साढ़े तीन साल पहले चरित्र पर शक के चलते यह हत्या की थी।
शासन की ओर से पैरवी कर रहे अतिरिक्त शासकीय लोक अभियोजक शरद कुमार पुरोहित ने बताया कि मृतका सोनू डावर तिरुपति बालाजी कंपनी में हेल्पर का काम करती थी और पीथमपुर की वैष्णव कॉलोनी में किराए पर रहती थी। सोनू ने दूसरी शादी आरोपी नारायण से की थी। 26 जनवरी को आरोपी दूसरे पति नारायण सोनू के घर आया और दोनों ने खाट पर बैठकर शराब पी। इसी दौरान चरित्र को लेकर हुए विवाद में नारायण ने खाट की रस्सी से सोनू का गला दबाकर हत्या कर दी। उसने घर के बाहर ताला लगाया और चाबी कब्रिस्तान के पास एक पत्थर के नीचे छिपा दी।
खटिया पर मिली लाश
मृतका की बेटी और दामाद एक दिन पहले से ही सोनू को फोन कर रहे थे, लेकिन उसका फोन नहीं उठ रहा था। उन्होंने सोनू के साथ काम करने वाले परसराम पाल को फोन करके जानकारी ली। परसराम ने बताया कि घर पर ताला लगा है। इसके बाद, मृतका के दामाद ने पीथमपुर आकर घर का ताला तोड़ा तो सोनू की लाश कपड़ों में लिपटी हुई खाट पर पड़ी मिली। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई।
कॉल डिटेल बनी बड़ा सबूत
पुलिस ने दूसरे पति नारायण के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के बाद यह मामला चतुर्थ अपर सत्र न्यायालय धार में पेश किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से 15 गवाहों की गवाही कराई गई। कोर्ट ने सबूतों, मृतका के मोबाइल की कॉल डिटेल, आरोपी द्वारा बताई गई जगह से ताले की चाबी की बरामदगी और हत्या में इस्तेमाल हुई रस्सी के आधार पर आरोपी नारायण डावर को दोषी पाया।
कोर्ट ने दूसरे पति आजीवन कारावास और 2000 रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई। साथ ही, मृतका की पत्नी और पुत्र को अपराध पीड़ित प्रतिकर राशि देने का भी आदेश दिया।
