ग्रामीण कलेक्टर से मिले
देवास, अग्निपथ। बागली तहसील के अंतर्गत ग्राम धावड़िया (चैनपुरा) के ग्रामीणों ने उप-स्वास्थ्य केंद्र भवन के निर्माण स्थल को लेकर गंभीर आपत्ति जताई है। ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच और सचिव की मिलीभगत से भवन का निर्माण गांव से 3 किलोमीटर दूर एक सुनसान और असुविधाजनक जंगली क्षेत्र में किया जा रहा है, जबकि यह स्वास्थ्य केंद्र पिछले 20-25 वर्षों से धावड़िया (चैनपुरा) में ही संचालित हो रहा है। ग्रामीणों ने कलेक्टर महोदय को ज्ञापन सौंपकर तत्काल जांच और भवन निर्माण को पूर्ववत स्थान पर कराने की मांग की है।
ग्रामीणों की आपत्तियाँ और समस्याएं
ग्रामवासियों ने बताया कि यह उप-स्वास्थ्य केंद्र पिछले दो दशकों से अधिक समय से ग्राम धावड़िया (चैनपुरा) में संचालित हो रहा है, और वर्तमान में यह शासकीय स्कूल परिसर के एक कमरे से चलाया जा रहा है। इसके माध्यम से आस-पास के कई गाँवों, जैसे बेहरी, लखवाड़ा, गोपालपुरा, इमलीपुरा, पाजरिया, कामठखेड़ा, बावड़ीखेड़ा आदि के लोग स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि उप-स्वास्थ्य केंद्र भवन निर्माण हेतु राशि स्वीकृत हो चुकी है, लेकिन भवन का निर्माण कार्य गांव से 3 किलोमीटर दूर, ग्राम बीड़गाँव और कामठखेड़ा के बीच स्थित एक सुनसान और असुविधाजनक स्थान पर किया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि यह स्थान जंगल क्षेत्र में आता है, जहाँ चिकित्सकों और नर्सों के लिए ड्यूटी करना मुश्किल होगा, खासकर आपातकालीन स्थिति में या रात के समय।
सरपंच-सचिव पर मिलीभगत का आरोप
ग्रामवासियों ने स्पष्ट आरोप लगाया है कि सरपंच और सचिव की मिलीभगत से भवन का स्थान बदल दिया गया है, जबकि स्वास्थ्य केंद्र का संचालन पूर्व से ही धावड़िया (चैनपुरा) में होता रहा है, जहाँ यह सुविधाजनक रूप से स्थित है और आसपास के कई गांवों के लिए सुलभ है।
कलेक्टर से हस्तक्षेप की मांग
इस संदर्भ में ग्रामीण मूलचंद परमार, तेजराम बामनिया, रामचंद्र गवलना, जगदीश गरासिया, तुलसीराम चौहान, मोहनलाल मकवाना, भगवान सिंह गरासिया, बद्रीलाल सोलंकी, मेहरबान सिंह गरासिया, हजारीलाल गरासिया सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने कलेक्टर महोदय को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि निर्माण कार्य की तत्काल जांच करवाई जाए। उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि भवन का निर्माण पूर्ववत स्थान, ग्राम धावड़िया (चैनपुरा) में ही करवाया जाए। ग्रामीणों ने प्रशासन से इस मामले में शीघ्र संज्ञान लेते हुए वर्तमान निर्माण कार्य को रोकने और जनहित में उचित निर्णय लेने की अपील की है।
ग्रामीणों की इस मांग पर प्रशासन क्या कदम उठाता है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि यह सीधे तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता और पारदर्शिता से जुड़ा मामला है।
