धार के राजोद में छह मोरों की रहस्यमय मौत से हड़कंप

धार, अग्निपथ। धार जिले के राजोद और आसपास के क्षेत्रों में भारी संख्या में पाए जाने वाले राष्ट्र पक्षी मोरों पर अब संकट के बादल छाने लगे हैं। गुरुवार को क्षेत्र के ग्राम आनंदखेड़ी में छह मोरों की संदिग्ध मौत से हड़कंप मच गया। सुबह ग्रामीण जब कोटेश्वरी नदी किनारे पहुंचे तो उन्होंने छह मोरों को मृत अवस्था में पाया। ग्रामीणों ने तत्काल वन विभाग और पशु चिकित्सा विभाग को सूचना दी।

सूचना मिलने पर वन विभाग के अधिकारी और पशु चिकित्सा अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा बनाया। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण भी जमा हो गए। पशु चिकित्सा विभाग के डॉ. वीके बामनिया, डॉ. दिलीप गामड़, और डॉ. मीनाक्षी ने मृत मोरों का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम के बाद नमूनों को आगे की जांच के लिए इंदौर भेजा गया है।

ग्रामीणों से पूछताछ में यह आशंका जताई गई है कि मोरों की मौत खेतों में कीटनाशक दवाइयों या किसी जहरीली वस्तु के सेवन से हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि खेतों में कीटनाशक और खाद के अंधाधुंध उपयोग से जमीन जहरीली हो चुकी है, जिसके कारण दाना चुगने के दौरान मोरों की मौत हो गई। हालांकि, रेंजर शैलेन्द्र सोलंकी ने बताया कि मौत का असली कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। मृत मोरों का अंतिम संस्कार गांव में नदी किनारे ही किया गया। इस दौरान वन विभाग से विक्रम सिंह निनामा और ग्रामीण दशरथ धाकड़, सुनील धाकड़, लखन सचिन धाकड़, गोवर्धन पटेल आदि मौजूद रहे।

आसपास के क्षेत्रों में मोरों की अधिक संख्या

सरदारपुर तहसील के कई गांवों जैसे राजोद, हनुमंतिया, संदला, सलवार, निपावली आदि में सैकड़ों की तादाद में मोर निवास करते हैं। चर्चा है कि खेतों में कीटनाशक और खरपतवार दवाइयों के अत्यधिक उपयोग से न केवल मिट्टी बल्कि आबोहवा भी जहरीली हो चुकी है, जिससे इन बेजुबान पक्षियों का जीवन भी खतरे में पड़ गया है।

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