धार प्रधान डाकघर में लाखों रुपये की वित्तीय अनियमितता, मुख्य पोस्ट मास्टर सहित चार कर्मचारी निलंबित

धार में आधार कार्ड बनवाने को लेकर जनता परेशान

धार, अग्निपथ। धार जिला मुख्यालय स्थित मुख्य प्रधान डाकघर में लाखों रुपये की वित्तीय अनियमितता का बड़ा मामला सामने आया है। एक गोपनीय शिकायत के आधार पर वरिष्ठ कार्यालय इंदौर के निर्देश पर हुई प्रारंभिक जांच के बाद विभाग ने मुख्य पोस्ट मास्टर सहित चार कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इंदौर के अधीक्षक ओमप्रकाश चौहान के मार्गदर्शन में तीन सदस्यीय जांच दल पिछले एक सप्ताह से दस्तावेजों की गहन पड़ताल में जुटा हुआ है। कर्मचारियों को अन्यत्र स्थानांतरित करने के बजाय सीधे सस्पेंड किए जाने से मामले की गंभीरता स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार 11 दिसंबर 2025 को मुख्य पोस्ट मास्टर कुणाल मकवाना, डिप्टी पोस्ट मास्टर निर्मल सिंह पंवार, डाक सहायक अंबाराम और महिपाल को निलंबित करने की कार्यवाही की गई। अधिकारियों ने बताया कि इस प्रकरण की जांच के लिए 1 दिसंबर 2025 को ही जांच दल का गठन कर दिया गया था। लगभग 10 दिनों तक चली दस्तावेजी जांच में प्रथम दृष्टया अनियमितता पाए जाने पर यह कड़ा कदम उठाया गया है। वर्तमान में जांच अधिकारी वित्तीय गड़बड़ी के सटीक आंकड़ों और रिकवरी की प्रक्रिया पर भी कार्य कर रहे हैं।

इस पूरे मामले का खुलासा धार निवासी एक उपभोक्ता प्रमोद सावड़ेकर की परिपक्व जमा राशि (आरडी) के भुगतान में हुई गड़बड़ी से हुआ। सावड़ेकर की आरडी अवधि पूरी होने पर अवकाश के कारण एक दिन पहले ही क्लोजर डाल दिया गया था, जिससे उन्हें कम राशि प्राप्त हुई। इसकी शिकायत वरिष्ठ कार्यालय तक पहुंचने पर संबंधित कर्मचारियों ने व्यक्तिगत स्तर पर शिकायतकर्ता को 86 हजार रुपये का भुगतान कर समझौता कर लिया और शिकायत वापस करवा दी। हालांकि डाक विभाग ने इसे गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए समझौते के बाद भी जांच जारी रखने का निर्णय लिया है।

प्रधान डाक कार्यालय से वर्तमान में एक लाख से अधिक खाताधारक जुड़े हुए हैं। विभाग के लिए ग्राहकों की जमा राशि की सुरक्षा सर्वोपरि है, इसी को ध्यान में रखते हुए जांच दल निलंबित कर्मचारियों के पूरे कार्यकाल के दौरान हुए लेन-देन और खातों की बारीकी से जांच कर रहा है। दस्तावेजों के विशाल भंडार और लगातार सामने आ रही नई जानकारियों के कारण जांच की पूर्व निर्धारित 10 दिन की अवधि को भी आगे बढ़ा दिया गया है।

जांच दल का नेतृत्व देवेश औसारी कर रहे हैं, जिनके साथ इंस्पेक्टर राकेश वर्मा और मुकेश ओघाड़ी शामिल हैं। यह टीम प्रतिदिन 8 से 10 घंटे तक फाइलों और डिजिटल रिकॉर्ड को खंगाल रही है। एसपीओ इंदौर ओमप्रकाश चौहान ने इस विषय पर कहा कि धार पोस्ट ऑफिस में जांच के लिए विशेष दल गठित किया गया है और फिलहाल जांच प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वित्तीय अनियमितता के इस मामले में जांच पूरी होने से पहले कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी और रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट की जाएगी।

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