धार, अग्निपथ। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन ने धार जिले में पार्टी की गतिविधियों को अधिक प्रभावी और केंद्रित बनाने के उद्देश्य से लगभग एक वर्ष पूर्व जिले को शहरी और ग्रामीण संगठनात्मक इकाइयों में विभाजित किया था। इस रणनीति के पीछे मुख्य लक्ष्य वर्ष 2028 के विधानसभा चुनाव में जिले की सातों सीटों पर विजय परचम लहराना था। हालांकि, विडंबना यह है कि एक वर्ष बीतने के बाद भी ग्रामीण भाजपा जिला इकाई का विस्तार अब तक लंबित है, जिससे कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी और असंतोष देखा जा रहा है।
शहरी की घोषणा, ग्रामीण टीम गठित नहीं
शहरी जिला अध्यक्ष नीलेश भारती ने अपनी कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है, लेकिन ग्रामीण जिला अध्यक्ष चंचल पाटीदार द्वारा अब तक टीम गठित नहीं की गई है। इस विलंब के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी की गतिविधियाँ, सरकार की योजनाओं का प्रचार और बूथ प्रबंधन का कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। जब इस संबंध में ग्रामीण जिला अध्यक्ष पाटीदार से चर्चा की गई, तो उन्होंने केवल इतना कहा कि जल्द ही कार्यकारिणी गठित की जाएगी। संगठन विस्तार केवल कागजी प्रक्रिया नहीं, बल्कि जमीनी कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाने का माध्यम है, जिसमें हो रही देरी अब संदेहास्पद नजर आने लगी है।
अध्यक्ष के लिए अकेले समन्वय और चुनाव प्रबंधन असंभव
विशेषज्ञों का मानना है कि धार जिले के चार महत्वपूर्ण ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र कुक्षी, मनावर, गंधवानी और धरमपुरी कांग्रेस के प्रभाव वाले माने जाते हैं। ग्रामीण जिला अध्यक्ष के गृह क्षेत्र कुक्षी में कांग्रेस पहले से मजबूत है, वहीं मनावर और गंधवानी में भी भाजपा के लिए मुकाबला चुनौतीपूर्ण है। धरमपुरी में जीत पूरी तरह कार्यकर्ताओं की सक्रियता पर निर्भर है। ऐसी स्थिति में बिना कार्यकारिणी के अकेले अध्यक्ष के लिए इन क्षेत्रों में समन्वय और चुनाव प्रबंधन करना लगभग असंभव है।
पार्टी के भीतर उठ रही आवाजों के अनुसार, प्रदेश संगठन और वरिष्ठ नेताओं को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है। यदि ग्रामीण इकाई का विस्तार जल्द नहीं हुआ, तो आगामी चुनावों में पार्टी के लिए इन गढ़ों को जीतना कठिन हो सकता है। संगठनात्मक विभाजन का उद्देश्य पार्टी को मजबूती देना था, लेकिन वर्तमान स्थिति में यह विलंब और आंतरिक असंतोष का कारण बनता जा रहा है।
