धार , अग्निपथ। धार जिले में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का काम डिजिटल अव्यवस्था की भेंट चढ़ गया है। जिस काम को 4 दिसंबर तक पूरा होना था, वह सर्वर डाउन, एप हैंग होने, और नेटवर्क की धीमी गति के कारण दिनों-दिन जटिल होता जा रहा है। बीएलओ (BLO) फील्ड में पसीना बहा रहे हैं, लेकिन तकनीकी और सामाजिक अड़चनें उन्हें आगे नहीं बढ़ने दे रही हैं।
बीएलओ की तीन ‘महा-समस्याएं’: पलायन, मैपिंग और नेटवर्क
मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य में लगे बीएलओ इस समय तीन बड़ी चुनौतियों से जूझ रहे हैं:
1. पलायन का संकट: आदिवासी अंचल से बड़ी संख्या में लोग हर साल रोजगार के लिए गुजरात या अन्य राज्यों में चले गए हैं। सोयाबीन और मक्का का काम खत्म होते ही पलायन शुरू हो जाता है। इससे मैपिंग का काम अधूरा रह जाता है। बीएलओ को अब व्हाट्सएप पर फोटो और जानकारी मंगाकर काम चलाना पड़ रहा है।
2. विवाहित महिलाओं की ‘अधूरी’ जानकारी: विवाहित महिलाओं की मैपिंग सबसे कठिन साबित हो रही है। खासकर उन महिलाओं का रिकॉर्ड नहीं मिल रहा जिनका नाम 2003 की मतदाता सूची में नहीं है। सिस्टम में पति के बजाय माता-पिता या दादा के नाम से लिंकिंग का विकल्प आ रहा है, जिससे बीएलओ को पुराने रिकॉर्ड खंगालने पड़ रहे हैं। दूसरे राज्यों (खासकर उत्तर प्रदेश और राजस्थान) से आई महिलाओं की वोटर लिस्ट एप पर नहीं खुल पा रही है, जिससे उनका रिकॉर्ड मिलान असंभव हो गया है।
3. तकनीकी खामियों का अंबार:
एप का ‘ब्लड रिलेशन’ झोल: निर्वाचन आयोग का बीएलओ एप सिर्फ ‘पिता’ और ‘दादा’ के रिश्ते को मान्यता देता है, पति को नहीं। इससे विवाहित महिलाओं की लिंकिंग में बड़ी दिक्कत आ रही है।
सर्वर और नेटवर्क: सर्वर बार-बार डाउन हो रहा है और ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क कमजोर है। ‘रिलेशन लिंकिंग एरर’ का मैसेज बार-बार आता है।
EPIC नंबर की तलाश: फॉर्म में मतदाता के साथ उसके माता-पिता का EPIC नंबर भी मांगा जा रहा है, जिसे नौकरीपेशा या अन्य लोग ढूंढने में परेशान हो रहे हैं।
नतीजतन, कई बीएलओ को ऑफलाइन फॉर्म भरने पड़ रहे हैं, लेकिन ऑनलाइन और ऑफलाइन डेटा मेल नहीं खाने से बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है।
अधिकारी मैदान में, पर राहत थोड़ी ही
प्रशासनिक स्तर पर काम की निगरानी की जा रही है। धार तहसीलदार दिनेश उईके स्वयं बाइक से गांव-गांव घूमकर बीएलओ से मिल रहे हैं और गणना पत्रक भरने की प्रक्रिया समझा रहे हैं। बदनावर एसडीएम प्रियंका मिमरोट भी गाँवों का निरीक्षण कर कर्मचारियों को निर्देश दे रही हैं। अधिकारियों के अनुसार, नेटवर्क की दिक्कत दूर करने के लिए वैकल्पिक उपाय तलाशे जा रहे हैं और तकनीकी सपोर्ट टीम तैनात की जा रही है।
राहत: तीन दिनों तक बंद रहने के बाद निर्वाचन आयोग की वेबसाइट ceomadhyapradesh.nic.in मंगलवार को खुल गई है और इसमें सुधार भी देखा गया है।
ताजा रिपोर्ट: सिर्फ 20 प्रतिशत काम पूरा
अब तक जिले में केवल 3 लाख 31 हजार फार्म मैपिंग का कार्य पूरा हुआ है।
जिले में कुल 3 लाख 30 हजार वोटर सत्यापित किए जा चुके हैं।
जिले में अभी तक कुल 20 प्रतिशत कार्य ही हो पाया है।
शहरी इलाकों में कॉलोनी बदलने और किराएदारों के लगातार शिफ्ट होने से भी मतदाता सूची का काम चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। कई परिवार बहुओं की जानकारी साझा करने में संकोच कर रहे हैं, जिससे सर्वे की शुद्धता पर सवाल उठ रहा है।
| विधानसभा | कुल वोटर (लगभग) | प्राप्त आवेदन (लगभग) |
| सरदारपुर | 2 लाख 32 हजार | 47 हजार से अधिक |
| गंधवानी | 2 लाख 56 हजार | 42 हजार से अधिक |
| कुक्षी | 2 लाख 52 हजार | 45 हजार से अधिक |
| मनावर | 2 लाख 46 हजार | 65 हजार से अधिक |
| धरमपुरी | 2 लाख 25 हजार | 40 हजार से अधिक |
| धार | 2 लाख 62 हजार | 50 हजार से अधिक |
| बदनावर | 2 लाख 24 हजार | 39 हजार से अधिक |
