धार, अग्निपथ। धार जिले में मानसून की अनिश्चितता और मौसम में अचानक बदलाव के कारण मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। जिला चिकित्सालय में इन दिनों मरीजों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं, जहाँ रोजाना एक हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुँच रहे हैं। बीते एक सप्ताह से यह संख्या 1100 से 1200 तक पहुँच गई है। इनमें से अधिकांश मरीज वायरल फीवर, सर्दी-जुकाम और पेट संबंधी समस्याओं से पीडि़त हैं। डॉक्टरों ने लोगों को खान-पान और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी है।
मौसम में अचानक बदलाव, कभी तेज धूप तो कभी बारिश, तापमान में उतार-चढ़ाव का कारण बन रहा है, जिससे लोग तेजी से मौसमी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, ओपीडी में आने वाले मरीजों में से 70त्न वायरल फीवर और पेटदर्द की शिकायत वाले हैं, जिनमें से 40त्न को भर्ती करने की आवश्यकता पड़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के पानी का जमाव और दूषित पानी भी इन बीमारियों का एक प्रमुख कारण है।
चिकित्सकों ने सलाह दी है कि बरसात के मौसम में सावधानी बरतकर बीमारियों से बचा जा सकता है। डॉक्टर सुमित सिसोदिया ने बताया कि बारिश के पानी में पनपने वाले बैक्टीरिया के कारण बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और डायरिया हो सकता है। इसके अलावा, डेंगू, चिकनगुनिया, हैजा, टाइफाइड, मलेरिया और फ्लू जैसी बीमारियों का खतरा भी बना रहता है। इन सबसे बचाव के लिए घरों के आसपास बारिश का पानी जमा न होने दें और खान-पान पर विशेष ध्यान दें।
जिला अस्पताल के एमडी मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु वरमंडले ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से मौसमी बीमारियों में वृद्धि हुई है, जिसका मुख्य कारण धार में दूषित पानी की समस्या है। उन्होंने सलाह दी कि हर कोई आरओ नहीं लगवा सकता, इसलिए पानी को उबालकर पीना चाहिए। उन्होंने लोगों से बाहरी भोजन से परहेज करने, समय-समय पर हाथ धोने और थोड़े भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने का आग्रह किया।
जिला अस्पताल के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी मरीजों की भारी भीड़ देखी जा रही है, जहाँ सुबह से शाम तक नंबर लगाने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। अधिकतर निजी अस्पतालों में भी वायरल फीवर और बच्चों व बुजुर्गों में मौसमी बीमारियों के मरीज ही पहुँच रहे हैं।
सावधानी जरुरी
बारिश के मौसम में मच्छर-मक्खियों से बीमारियां फैलने का डर बढ़ जाता है। ऐसे में बाहर की खाद्य सामग्री से परहेज करना चाहिए। पीने के लिए साफ या उबला हुआ पानी का उपयोग करना चाहिए। बारिश में पेट संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। शरीर को ढंककर रखना चाहिए, ताकि मच्छरों के काटने से बच सकें।
-डॉ. मुकुंद बर्मन, सिविल सर्जन, जिला चिकित्सालय धार
ओपीडी में ऐसे बढ़ी मरीजों की संख्या
कब ओपीडी
17 जुलाई 1289
18 जुलाई 1255
19 जुलाई 1141
20 जुलाई 500
21 जुलाई 1254
22 जुलाई 1175
23 जुलाई 1125
24 जुलाई 1136
24 जुलाई। 1150
26 जुलाई 1090
