धार में लोनिवि की गाडिय़ों में डीजल डलवाने में घोटाला, आरटीआई में हुआ खुलासा!

अटैच वाहन में डलेे डीजल का लाखों रुपए हुआ भुगतान, लॉगबुक में खाली छोड़ दिए पेज

धार, अग्निपथ। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में अटैच वाहन में डीजल डलवाने के नाम पर लाखों रुपए की हेराफेरी करनेे का घोटाला सामने आया है। दरअसल सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत मिली जानकारी में यह खुलासा हुआ है। इसमें आरटीआई कार्यकर्ता सुनील सावंत ने आरोप लगाए गए है कि जिन तारीखों में डीजल बिलों का भुगतान किया गया है, उन तारीखों में लागबुक में गाड़ी चली ही नहीं है। लागबुक में उन तारीखों के पेज ही खाली है।

जबकि उन्हीं तारीखों में डीजल के लाखों रुपए के बिलों का भुगतान किया गया है। साथ ही वाहन अटैच के तहत रखी जाने वाली शर्तों का भी उल्लंघन इन दस्तावेजों में पाया गया है। इस मामले के सामने आने के बाद पीडब्ल्यूडी की तरफ से एसडीओ ने इस स्थिति को नकारा है। उन्होंने कहा कि जितना वाहन चला है, उनकी ही इंट्री हुई है।

आरटीआई कार्यकर्ता सुनील सावंत ने गुरुवार को शहर के निजी गार्डन में एक प्रेसवार्ता लेकर यह खुलासा किया है। उन्होंने इसमें पीडब्ल्यूडी के उपसंभाग कार्यालय में अटैच वाहन एमपी 11 टी 1775 में डीजल डलवाने और लागबुक में इंट्री करने में अनियमितता करने का आरोप लगाया है। सावंत ने बताया वर्ष 2020, 2012 और 2022 के डीजल बिलों के भुगतान की जानकारी चाही गई थी। लेकिन विभाग ने पहले तो जानकारी देने में ही काफी आनाकानी की। अब जानकारी दी है तो वह भी आधी अधूरी दी है। इस आधी अधूरी जानकारी में डीजल घोटाले का खुलासा हुआ है।

प्रेसवार्ता के दौरान सावंत ने आरोप लगाया अधिकारी द्वारा सोची समझी कूटनीति से फर्जी लागबुक व फर्जी डीजल के बिलों को बनवाया और लाखों रुपए का भ्रष्टाचार किया। इसके साक्ष्य सबूतों के दस्तावेजों की छायाप्रतियां भी उपलब्ध करवाई गई है। इसमें बताया कि वाहन (एमपी 11 टी 1775) बोलोरो में यात्रा के नाम पर प्रतिदिनि वाहन में डीजल डालना बताकर भुगतान किया गया। लेकिन लागबुक में अधिकांश तारीख में डीजल की खपत कम दिखाई गई। नियमानुसार यात्रा के नाम पर जिस वाहन में जिस दिन डीजल डलवाया है, उसी तारीख में इंट्री करना होती है।

पीडब्ल्यूडी धार में लॉगबुक में डीजल की इंट्री में गड़बड़ी की गई। आरटीआई में मिले दस्तावेज के आधार पर सावंत ने दावा किया कि एक ही दिन में 2 से 3 बार डीजल डलवाना बताया गया है। यह इंट्री डीजल भुगतान के बिलों में है। लेकिन लागबुक में इस तरह की इंट्री नहीं की गई है। फर्जी इंट्री और यात्रा बताकर लाखों रुपए का भुगतान कर अनियमितिता का आरोप लगाया गया है।

इस मामले में पीडब्ल्यूडी एसडीओ धार भास्कर मालवीय ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि आवश्यकतानुसार ही डीजल का उपयोग हुआ है। धार और सरदारपुर दोनों में गाड़ी उपयोग में ली गई है। यह देखना होगा कि किस वक्त इंट्री नहीं है। अनियमितता जैसी स्थिति नहीं है।

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