धार, अग्निपथ। पर्यावरण संरक्षण और जिले को हरा-भरा बनाने के लिए धार वन विभाग ने कमर कस ली है! मानसून सीजन में साढ़े चार लाख पौधे लगाने का विशाल लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। वन क्षेत्रों में गड्ढे खोदने का काम पहले ही पूरा कर लिया गया था, और अब पौधरोपण का काम भी शुरू हो चुका है।
डीएफओ अशोक सोलंकी ने बताया कि विभाग ने इस साल 4 लाख 35 हजार गड्ढे खोदे हैं, जिनमें बारिश के दौरान पौधे लगाए जाएंगे। कुल 755 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण का लक्ष्य है, जिसके लिए विभागीय नर्सरियों में पौधे तैयार किए गए हैं।
जून से शुरू हुआ अभियान
पौधरोपण अभियान जून के अंतिम सप्ताह से शुरू हो गया है, जो जुलाई और अगस्त तक चलेगा। इस दौरान जिले की विभिन्न तहसीलों और वन परिक्षेत्रों में बड़े पैमाने पर पौधे लगाए जाएंगे। पिछले कुछ वर्षों से विभाग लगातार पौधरोपण कर रहा है।
जमनजत्ती पर विशेष ध्यान
पिछले साल धार के पास सिटी फॉरेस्ट के रूप में जमनजत्ती में लगाए गए पौधों को नीलगाय से हुए नुकसान के कारण कम सफलता मिली थी, जहां 8 हजार पौधों में से मुश्किल से 3 से 4 हजार ही बचे थे। इस बार विभाग जमनजत्ती पर विशेष ध्यान दे रहा है और 10 से 20 हजार पौधे लगाने का दावा कर रहा है। पौधों को पानी देने के लिए पाइपलाइन और ड्रिप बिछाई जा रही है।
विभिन्न प्रजातियों के पौधे
वन विभाग ने सागवान, बांस और नीम सहित 20 से अधिक प्रजातियों के पौधे लगाने की योजना बनाई है। पौधों का चयन जिले की भौगोलिक स्थिति और वातावरण की अनुकूलता को ध्यान में रखकर किया गया है।
कहां कितने पौधे लगेंगे
सबसे ज्यादा पौधरोपण टांडा के नरवाली में किया जाएगा, जहां 63 हजार पौधे लगेंगे। वहीं, सरदारपुर के भारतगढ़ में 40 हजार पौधे लगाए जाएंगे। जिला मुख्यालय के आसपास नीमखेड़ा, चाकल्या, उकाला, सादढिया कुआं, पर्वतपुरा में भी पौधे रोपे जाएंगे। इसी प्रकार, बाग क्षेत्र में बाग, चिकापोटी, गंधवानी; टांडा में जीराबाद; सरदारपुर में अमझेरा, केशवी; बदनावर में राजोद, बख्तगढ़; और धामनोद के उमरबन क्षेत्र के सांवलाखेड़ी में भी पौधरोपण किया जाएगा।
डीएफओ अशोक कुमार सोलंकी ने इस बार विशेष रूप से लगाए गए पौधों की निगरानी पर जोर दिया है, ताकि वे बड़े होकर वृक्ष का रूप ले सकें।