धार, अग्निपथ। आगामी 23 जनवरी को वसंत पंचमी और शुक्रवार एक ही दिन होने के कारण धार की भोजशाला (मातृदेवी वाग्देवी मंदिर) में पूजा और नमाज को लेकर विवाद गहरा गया है। इस चुनौती को देखते हुए, मंगलवार को सकल हिंदू समाज ने एकजुट होकर अखंड पूजा का संकल्प दोहराया और सूर्यादय से सूर्यास्त तक निर्विघ्न पूजा संपन्न कराने की मांग की।
हिंदू समाज ने दोपहर में त्रिमूर्ति चौराहे से कलेक्टर कार्यालय तक एक बड़ी रैली निकाली। संतों की उपस्थिति में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, केंद्रीय संस्कृति मंत्री और एएसआई निदेशक के नाम कलेक्टर प्रियंक मिश्रा को संयुक्त ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में केंद्रीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) के 7 अप्रैल 2003 के आदेश का हवाला दिया गया, जिसके तहत हिंदुओं को प्रति मंगलवार और वसंत पंचमी के दिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक पूरे दिन पूजा का अधिकार प्राप्त है। समाज ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि प्रशासन द्वारा पूजा खंडित की गई तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।
संतों का सानिध्य और शक्ति प्रदर्शन
भोज उत्सव समिति द्वारा आयोजित इस एकत्रीकरण में मांडू चतुर्भूज श्रीराम मंदिर के महामंडलेश्वर नरसिंह दास महाराज, नर्मदानंद महाराज और श्यामसुंदर दास महाराज जैसे संतों का सानिध्य मिला। सैकड़ों समाजजन और मातृशक्ति ने उत्साह दिखाया। रैली में “खाली कर दो रास्ते, भोजशाला के वास्ते… मां की पूजा पूरी हो…” जैसे नारे गूँज उठे।
सुरक्षा व्यवस्था: मंगलवार के आयोजन को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। धार के साथ-साथ आसपास के थानों—तिरला, कानवन, राजगढ़, बदनावर से भी अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था।
नियमित पूजा: मंगलवार को परंपरानुसार समाज द्वारा भोजशाला में माँ वाग्देवी के तैल चित्र का पूजन और हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। भोज उत्सव समिति के पदाधिकारी इस दौरान उपस्थित रहे।
विवाद की पृष्ठभूमि और इतिहास
मूल विवाद: भोजशाला को हिंदू समाज राजा भोज द्वारा निर्मित शारदा सदन सरस्वती मंदिर मानता है, जबकि मुस्लिम समाज इसे मस्जिद बताते हुए यहाँ शुक्रवार को नमाज पढ़ता है।
टकराव की स्थिति: वसंत पंचमी और शुक्रवार जब एक साथ आते हैं, तब यहाँ विवाद की स्थिति बनती है। ऐसा पहले 2003, 2006, 2013 और 2016 में भी हो चुका है।
एएसआई का आदेश (2003): एएसआई के आदेश के अनुसार, हिंदुओं को प्रति मंगलवार और वसंत पंचमी पर सूर्योदय से सूर्यास्त तक पूजा का अधिकार है, वहीं मुस्लिम समाज को शुक्रवार दोपहर में नमाज पढ़ने की अनुमति है।
मौजूदा कानूनी स्थिति: हाईकोर्ट इंदौर के आदेश पर पिछले साल एएसआई द्वारा भोजशाला का 98 दिनों तक सर्वे किया गया था। इस मामले पर अंतिम निर्णय अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिया जाना है।
