नदी के जल को दूषित बताने वालों को पुजारियों ने दिया संदेश, शिप्रा का जल है पवित्र और शुद्ध

उज्जैन, अग्निपथ। अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के तत्वावधान में माँ शिप्रा का वैदिक मंत्रोच्चार से भव्य अभिषेक-पूजन रामघाट शिप्रा तट पर सम्पन्न हुआ। यह पूजन पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री महेश पुजारी की उपस्थिति में संपन्न हुआ।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि सनातन धर्म संस्कृति में पूरे देश के तीर्थ स्थलों और नदियों को पवित्र माना गया है। पिछले कुछ दिनों से यह देखने में आ रहा है कि कुछ लोगों द्वारा तीर्थ स्थल की नदियों का जल अपवित्र, दूषित और आचमन योग्य नहीं बताया जा रहा है। यह अनुचित है और सनातन धर्म के साथ पवित्र नदियों का भी अपमान है, जिसका सीधा असर आम श्रद्धालुओं पर पड़ता है।

इसी तारतम्य में पुजारी महासंघ ने शिप्रा नदी का वैदिक मंत्रोच्चार से भव्य अभिषेक पूजन किया। उपस्थित तीर्थ पुरोहितों, पुजारियों और ब्राह्मणों ने शिप्रा नदी के जल का आचमन कर यह संदेश दिया कि शिप्रा नदी का जल पवित्र एवं शुद्ध है। यह शरीर के विकारों का नाश करता है। जो लोग शिप्रा नदी के जल को दूषित बताते हैं, वे सनातन धर्म संस्कृति को ठेस पहुँचा रहे हैं। ऐसे लोगों को पहले अपने मन के मैल को साफ़ करना चाहिए, फिर तीर्थों और नदियों की बात करनी चाहिए।

पुजारी महासंघ देश के सनातन धर्मावलंबियों से अपील करता है कि वे देश के सभी पवित्र तीर्थ स्थलों पर जाकर स्नान, ध्यान, दान करें और पवित्र नदियों के जल का आचमन करें।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को सौंपा जाएगा मांगपत्र

पुजारी महासंघ द्वारा प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय डॉ. मोहन जी यादव को एक मांगपत्र सौंपा जाएगा। इस मांगपत्र में उल्लेख रहेगा कि आम श्रद्धालुओं के हित में कार्य योजना बनाई जानी चाहिए, जिसमें पुजारी महासंघ द्वारा तीर्थ स्थलों का भ्रमण कर मौजूदा तीर्थ समस्याओं के निराकरण का उल्लेख हो।

  • तीर्थ स्थल के तीर्थ पुरोहितों को सुविधा दी जाए, जैसे पिछले सिंहस्थ में पुरोहितों, ब्राह्मणों को घाटों और मंदिरों पर आने-जाने में सुविधा थी, वह पुनः प्रदान की जाए।

  • शाही स्नान के समय भी पुरोहितों के घाट नहीं हटाए गए थे, ऐसी ही व्यवस्था होनी चाहिए।

  • शासन द्वारा शिप्रा तट रामघाट से त्रिवेणी तक 28 किलोमीटर का घाट निर्माण किया जा रहा है। निर्माणधीन घाटों पर 13 अखाड़ों के स्नान के लिए 13 अलग-अलग स्थानों पर व्यवस्था की जाए।

  • रामघाट पर शंकराचार्य जी के स्नान की व्यवस्था की जाए।

अखाड़ों के संतों से अपील: वैभव का दिखावा न करें

पुजारी महासंघ सभी अखाड़ों के संतों से निवेदन करता है कि वे प्रयागराज की दुर्घटना से सीख लेते हुए उज्जैन में शाही स्नान के समय वैभव और संपन्नता का दिखावा न करें। शांतिपूर्ण तरीके से स्नान करने जाएँ, जिससे किसी प्रकार की जनहानि, उपद्रव या दुर्घटना न हो।

इस अवसर पर पुजारी महासंघ राष्ट्रीय सचिव रूपेश मेहता, नगर अध्यक्ष मंगल पुजारी, उपाध्यक्ष श्री राकेश जोशी तीर्थ पुरोहित, भागवताचार्य आशीष अग्निहोत्री, धनेश्वर धाम प्रमुख धनीराम तिवारी, राजू बैरागी, महेंद्र सिंह बैंस, मोहित तिवारी, किशन पांडे, आशीष अग्निहोत्री, आशीष ठक्कुर, राम शर्मा, राहुल व्यास, शैलेंद्र नागर, राहुल जोशी, हिमांशु शर्मा, चंद्रशेखर पाठक, आशीष शर्मा, अजय दुबे, शुभम शर्मा, हरीश व्यास, अरुण शर्मा आदि ब्राह्मण बंधु, तीर्थ पुरोहित एवं पुजारी संघ के सदस्य मौजूद रहे।

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