नलखेड़ा, अग्निपथ। नगर में इन दिनों यूरिया खाद की कालाबाजारी खुलेआम हो रही है। भोले-भाले किसानों को व्यापारियों द्वारा शासन की निर्धारित दर से अधिक कीमत पर खाद बेची जा रही है। प्रशासन की तय कीमत $266.50$ रुपये प्रति बोरी होने के बावजूद बाजार में यही यूरिया 330 से 350 रुपये तक बेचा जा रहा है।
किसानों का कहना है कि अगर कोई किसान, व्यापारी के अधिक दाम लेने पर आपत्ति करता है तो उसे खाद नहीं है यह कहकर दुकान से भगा दिया जाता है। मजबूरी में किसानों को ऊंचे दामों पर ही खाद खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है।
पक्के बिल नहीं दिए जाते
नगर के अधिकांश व्यापारियों द्वारा मूल कीमत से अधिक राशि वसूलने के बाद भी किसानों को पक्का बिल नहीं दिया जाता। जब किसान बिल की मांग करते हैं, तो व्यापारियों के द्वारा किसानों को खाद उपलब्ध न होने की बात कह दी जाती है।
लाइसेंसी दुकानदार भी वसूल रहे अतिरिक्त राशि
सरकार द्वारा यूरिया की कीमत 266.50$ रुपये प्रति बोरी तय की गई है, लेकिन नगर में किसी भी दुकान पर यह दर लागू नहीं है। लाइसेंसी दुकानदार भी लोडिंग–अनलोडिंग के नाम पर 30–35 रुपये अतिरिक्त वसूल रहे हैं।
विभाग बना हुआ है मौन दर्शक
खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए जिम्मेदार विभाग सब कुछ जानते हुए भी मौन है। किसानों का कहना है कि यह कोई नया मामला नहीं है, हर साल यही स्थिति रहती है, लेकिन आज तक किसी व्यापारी पर कार्यवाही नहीं हुई। मामले को देखकर लगता है कि विभाग की मौन सहमति ही कालाबाजारी को और बढ़ावा दे रही है।
सोशल मीडिया पर भी किसानों का विरोध जारी
यूरिया खाद की ऊंची कीमतों को लेकर किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। कई किसानों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पोस्ट साझा कर व्यापारियों की मनमानी के खिलाफ आवाज उठाई है। किसानों का कहना है कि जब तक प्रशासन सख्त कार्रवाई नहीं करता, तब तक ऐसे व्यापारियों के हौसले बुलंद रहेंगे।
