धार, अग्निपथ। हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। इस साल 22 सितंबर से मां दुर्गा की नौ दिवसीय आराधना शुरू हो जाएगी, जो 2 अक्टूबर को विजयादशमी के साथ समाप्त होगी। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है और भक्त अखंड ज्योत जलाकर देवी की विशेष उपासना करते हैं। मान्यता है कि इस दौरान मां की पूजा करने से भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि और धन-धान्य का आगमन होता है।
ज्योतिषी अशोक शास्त्री के अनुसार, इस साल मां दुर्गा का पृथ्वी पर आगमन हाथी पर हो रहा है, जो अत्यंत शुभ संकेत माना जाता है। हाथी पर आगमन से अच्छी बारिश और देश में खुशहाली व समृद्धि आने की उम्मीद है। यह किसानों के लिए भी बेहद लाभकारी होगा।
देवी भागवत पुराण के अनुसार, शास्त्रों में मां दुर्गा का हाथी पर आगमन अत्यधिक वर्षा और जलस्तर में वृद्धि का सूचक है। इस नवरात्रि का आरंभ सोमवार को होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। नवरात्रि के पहले दिन आप अपने घरों में दुर्गासप्तशती, रामरक्षा स्त्रोत, और देवी भागवत पुराण का पाठ कर सकते हैं। इन दिनों में उपवास और एकासना करके भी साधना की जाती है।
चतुर्थी की वृद्धि से दस दिन की होगी नवरात्रि
इस बार चतुर्थी तिथि की वृद्धि के कारण नवरात्रि दस दिनों की होगी। चतुर्थी तिथि 25 और 26 सितंबर को भी रहेगी। 26 सितंबर को सूर्योदय के बाद सुबह 6:48 बजे तक चतुर्थी होने के कारण उदयातिथि में 26 को भी चतुर्थी मानी जाएगी। इसी तरह, पंचमी तिथि 27 सितंबर को सुबह 8:46 बजे तक रहेगी, जिसके कारण उदयातिथि में पंचमी का मान 27 सितंबर को होगा।
28 सितंबर रविवार को सरस्वती पूजा की जाएगी। 29 सितंबर को सायंकाल निशा पूजन होगा। महाष्टमी और महानवमी का व्रत एक ही साथ 30 सितंबर को मंगलवार को होगा। दुर्गा पाठ का पूजन और हवन 1 अक्टूबर बुधवार को दोपहर 2:37 बजे तक किया जा सकेगा। जो लोग पूरे नौ दिनों का व्रत रखते हैं, वे 2 अक्टूबर गुरुवार को व्रत का पारण करेंगे, और भगवती की प्रतिमाओं का विसर्जन भी 2 अक्टूबर को सुबह 6:18 बजे के बाद होगा।
ज्योतिषीय दृष्टि से नवरात्रि के दिनों में वृद्धि होना शुभ माना जाता है। इससे पहले 2016 में भी द्वितीया तिथि की वृद्धि के कारण शारदीय नवरात्रि दस दिनों की हुई थी। 1 अक्टूबर को महानवमी का व्रत होगा। उसी दिन कन्या पूजन, अपराजिता और शमी पूजन के साथ हवन भी संपन्न होगा।
गरबा की तैयारियां जोरों पर
जिले भर में नवरात्रि को लेकर भक्तों में भारी उत्साह है। मंदिरों में साफ-सफाई, रंग-रोगन और आकर्षक सजावट का काम तेजी से चल रहा है। मूर्तिकार देवी प्रतिमाओं को अंतिम रूप दे रहे हैं। शहर के गली-मोहल्लों, कॉलोनियों और बड़े संस्थानों में गरबा का आयोजन होगा। इन दिनों शहर में गरबा की प्रैक्टिस चल रही है। 30 से अधिक स्थानों पर गरबा पंडाल सजेंगे, जहां रात भर गरबा रास की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। धारेश्वर मंदिर, मोतीबाग चौक, देवीजी, पाटीदार, लकी चौराहा, पो चौपाटी, हटवाड़ा, मायापुरी और बस स्टैंड सहित कई स्थानों पर गरबा प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी।
हाथी पर मां का आगमन देगा सुख-सौभाग्य
डॉ. अशोक शास्त्री बताते हैं कि इस बार मां दुर्गा का हाथी पर आगमन शुभ है। यह अच्छी वर्षा और कृषि उत्पादन में वृद्धि का सूचक है। इससे दूध का उत्पादन बढ़ेगा और देश में धन-धान्य की वृद्धि होगी। माता का प्रस्थान मनुष्य की सवारी पर होगा। इस बार महानवमी का व्रत करने के बाद, नौ दिवसीय व्रत करने वाले भक्त दोपहर 2:37 बजे तक पूर्णाहुति और हवन कर लेंगे। अगले दिन 2 अक्टूबर को सुबह 6:18 बजे के बाद प्रतिमाओं का विसर्जन होगा।
देवीजी प्रांगण में होगा मेले का आयोजन
शारदीय नवरात्र के अवसर पर गढ़ कालिका देवी मंदिर प्रांगण में 10 दिवसीय भव्य मेला लगेगा। नगर पालिका की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। मेले में बच्चों के लिए झूले, चकरी और खानपान की दुकानें लगाई जा रही हैं। धार्मिक माहौल के साथ यहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा। तालाबों को फव्वारों से सजाया जाएगा, जिससे मेले का दृश्य और भी मनमोहक लगेगा। सुरक्षा के लिए एक अस्थायी पुलिस चौकी भी स्थापित की जाएगी।
नवरात्रि के नौ दिन
- 22 सितंबर: शैलपुत्री मां की पूजा।
- 23 सितंबर: ब्रह्मचारिणी मां की पूजा।
- 24 सितंबर: चंद्रघंटा मां की पूजा।
- 25 सितंबर: कूष्मांडा मां की पूजा।
- 26 सितंबर: स्कंदमाता मां की पूजा।
- 27 सितंबर: कात्यायनी मां की पूजा।
- 28 सितंबर: कालरात्रि मां की पूजा।
- 29 सितंबर: महागौरी मां की पूजा।
- 30 सितंबर: सिद्धिदात्री मां की पूजा।
- 01 अक्टूबर: विजयादशमी।
