उज्जैन, अग्निपथ। अपने रिश्तेदार को पुलिस प्रकरण में फंसाने के लिए युवक ने अपनी ही नाबालिग बेटी के पैर में गोली मार दी थी। जब मामला पुलिस के पास पहुंचा और जांच शुरू की गई तो हकीकत सामने आई। मामले में न्यायालय ने आरोपी को 3 साल कैद की सजा एवं 5 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है।
मीडिया सेल प्रभारी कुलदीप सिंह भदौरिया ने बताया 31 मार्च 2018 को तुलसी नामक बालिका पर हमला हुआ था। उसने बताया था कि उसके रिश्ते के भाई चंचल ने उसके बाएं पैर की पिंडली पर गोली मारी है। इस दौरान उसके पापा छिप गए थे, और मम्मी छत पर चली गई। जिसके बाद वह अंदर जाकर बेहोश हो गई। मम्मी पानी डालकर उसे होश में लेकर आई और फिर दोनों उसे जिला अस्पताल उज्जैन लेकर पहुंचे।
खास बात यह है कि (यह पूरी कहानी गढ़ी है थी) पुलिस को बताया गया कि चंचल व रतनलाल के बीच पुराना विवाद होने को लेकर जान से मारने की नीयत से उसने उसकी नाबालिग बेटी को गोली मारी। चिमनगंज मंडी पुलिस ने केस दर्ज कर मामला जांच में लिया तो सामने आया कि नाबालिग बच्ची के पिता रतनलाल ने ही रिश्तेदार चंचल को झूठे केस में फंसाने के लिए अपनी ही 7 वर्षीय बेटी के पैर में गोली मारने की साजिश रची थी।
इसके बाद सबूतों से छेड़छाड़ करने का प्रयास कर पुलिस को झूठी कहानी बताई गई। पुलिस ने सच्चाई सामने लाई और कोर्ट में चालान पेश किया गया। अभियोजन पैरवीकर्ता अधिकारी राहुल विपट अपर लोक अभियोजक के तर्कों से सहमत होकर विशेष न्यायाधीश पवन कुमार पटेल ने आरोपी रतनलाल पिता भेरूलाल मुंगिया (40) निवासी मंगल नगर उज्जैन को 3 साल के कठोर कारावास एवं 5 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।
