पीएचई ने की थी 1 अक्टूबर से रोज जलप्रदाय की तैयारी
उज्जैन, अग्निपथ। पीएचई की तैयारी नहीं थी और प्रतिदिन शहर को जलप्रदाय व्यवस्था को शुरु कर दिया गया। अब पहले ही दिन सोमवार को उत्तर क्षेत्र की चार टंकिया नहीं भर पाने के कारण शहर के कई वार्डों में पानी नहीं पहुंच पाया। कहीं पानी पहुंचा भी तो कम दबाव से। गऊघाट प्लांट का एक पंप वैसे भी खराब पड़ा हुआ है, ऐसे में पीएचई के अधिकारी परेशान हो रहे हैं।
सोमवार से प्रतिदिन जलप्रदाय व्यवस्था शुरू कर दी गई, लेकिन पहले ही दिन देवासगेट की 2 टंकी, क्षीरसागर टंकी और गुदरी चौराहा टंकी पूरी तरह से खाली रहीं। जिसके चलते वार्ड- 4, 6, 17, 10, 23, 25 और अन्य वार्डों में या तो पानी पहुंचा ही नहीं या पहुंचा भी तो कम दबाव से। पीएचई के अधिकारियों ने कहा कि फिलहाल एकदम से प्रतिदिन जलप्रदाय करने के लिये विभाग तैयार नहीं था। गऊघाट के दो पंपों में से एक 5 तारीख से खराब पड़ा हुआ है। ऐसे में एक ही पंप से उत्तर और दक्षिण क्षेत्र की पानी की टँकी भरी जा रही हैं। किसी दिन यह भी बैठ गया तो फिर कैसे जलप्रदाय हो पायेगा?
निगम आयुक्त ने भी मना किया था
गंभीर डेम में जिस समय सभी जनप्रतिनिधियों ने प्रतिदिन जलप्रदाय का निर्णय लिया था, इस दौरान निगम आयुक्त अभिलाष मिश्रा से भी पूछा गया था। लेकिन वह इतनी शीघ्रता से प्रतिदिन जलप्रदाय करने को तैयार नहीं दिखे थे। जनप्रतिनिधियों के लिये गये निर्णय पर आखिरकार निगम आयुक्त को भी हां करना पड़ी।
नोटशीट में पीएचई ने लिया था यह निर्णय
पीएचई के नोटशीट में भी 1 अक्टूबर से प्रतिदिन जलप्रदाय का निर्णय है। पिछले साल 2024 में नगर निगम ने एमआईसी बैठक आयोजित कर 1 अक्टूबर से रोज जलप्रदाय व्यवस्था को लेकर निर्णय लिया था। इसके बाद भी गर्मी के मौसम में पानी का संकट खड़ा हो गया था। इस बार 8 सितंबर से यह व्यवस्था लागू की गई है।
नेता प्रतिपक्ष के बयान के बाद ही निर्णय
पिछले वर्ष भी यह देखा गया था कि नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने शहर में प्रतिदिन जलप्रदाय को लेकर अपना स्टेटमेंट जारी किया था और मोर्चा खोल दिया था। इसके तुरंत बाद ही जनप्रतिनिधियों ने प्रतिदिन जलप्रदाय का निर्णय ले लिया था। जबकि कई जनप्रतिनिधि इस बात से सहमत नहीं थे कि सर्दियो में प्रतिदिन जलप्रदाय किया जाय।
इस बार भी ऐसा ही हुआ कि नेता प्रतिपक्ष ने प्रतिदिन जलप्रदाय का स्टेटमेंट जारी किया और इसके दूसरे तीसरे ही दिन प्रतिदिन जलप्रदाय योजना को हरीझंडी दिखा दी गई।
एक पम्प से कर रहे मशक्कत
पीएचई सूत्रो ंसे मिली जानकारी के अनुसार गऊघाट संयंत्र के दो पंपों से से एक पंप 5 तारीख से खराब पड़ा हुआ है। केवल एक पंप की बदौलत शहर को प्रतिदिन जलप्रदाय किया जा रहा है। सुबह 5.30 से 6.30 दक्षिणी क्षेत्र में तो उत्तर क्षेत्र में सुबह 7.30 से 8.30 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। टंकियों भरने का काम रातभर किया जाता है।
ऐसे में एक ही पंप को डायवर्ट करने में भी समय लगता है। जानकारों की मानें तो इन दोनों पंपों के पेरेलल दो पंप और होना चाहिएं, ताकि आपात स्थिति से निपटा जा सके। किसी भी दिन एक पंप खराब हो गया तो शहर की पेयजल व्यवस्था ध्वस्त हो जायेगी।
