परमार-मुगल कालीन अवशेष भी मिल रहे हैं महाराजवाड़ा स्कूल परिसर से

यहां बन रही हेरिटेज धर्मशाला का कामकाज देखने पहुंचे जनप्रतिनिधियों को अफसरों ने बताए अवशेष

उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल मंदिर के नजदीक स्थित पुराने महाराजवाड़ा स्कूल परिसर में हजार साल से भी ज्यादा पुराने अवशेष मिल रहे हैं। इन अवशेषों को सुरक्षित रखते हुए यहां पर हेरिटेज धर्मशाला बनाने का काम चल रहा है।

हेरिटेज धर्मशाला के कामकाज का अवलोकन करने शुक्रवार शाम को जनप्रतिनिधि पहुंचे थे। महाकाल सवारी मार्ग की दो सडक़ों को स्मार्ट बनाने के कामकाज का भूमिपूजन करने के बाद शुक्रवार शाम को सांसद अनिल फिरोजिया, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, विधायक पारस जैन अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ इस कामकाज का अवलोकन करने पहुंचे तो कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि परिसर में खुदाई के वक्त उपर मुगलकालीन और उसके नीचे परमारकालीन अवशेष मिल रहे हैं। यह तरह-तरह के निर्माण कार्य हैं जो हजारों वर्ष पुराने हैं। इस निर्माण कार्यों को सहेजते हुए यहां पर हेरिटेज धर्मशाला बनाई जा रही है।

निरीक्षण के बाद सांसद फिरोजिया और मंत्री यादव ने बताया कि हेरिटेज धर्मशाला का निर्माण प्राचीन अवशेषों को संवारते हुए किया जा रहा है। फिलहाल यहां पर 24 कमरे तैयार किये जा रहे हैं। इसके अलावा विश्राम, ध्यान, आत्यात्मिक क्रियाएं आदि के लिए भी स्थान रहेगा। प्रशासन को निर्देश दिया है कि समय सीमा में सभी काम पूरे किये जाये।

मृदा फेज-2 का प्रोजेक्ट है हेरिटेज धर्मशाला

महाराजवाड़ा स्कूल भवन को हेरिटेज धर्मशाला के रूप में तब्दील करने का काम, महाकाल-रुद्रसागर एकीकृत विकास दृष्टिकोण ( मृदा) परियोजना के फेज-2 का हिस्सा है। भवन के रिनोवशन का काम जयपुर की कंपनी से कराया जा रहा है। इस कार्य के लिए 19 करोड़ रुपये से अधिक स्वीकृत हुए हैं। भवन के बाहर लैंडस्केपिंग, प्लांटेशन एवं जनसुविधाएं विकसित करने का काम 7.14 करोड़ रुपये से कराया जा रहा है।

दावा किया जा रहा है कि महाराजवाडा भवन के रिनोवेशन कार्य में गुड़, मैथी, गूगल, बिल्व पत्र के फल, उड़द का पानी और चूना आदि का भी उपयोग किया जाएगा। ताकि भवन अगले 200 साल मजबूती से खड़ा रहे। हेरिटेज धर्मशाला बनने से दर्शनार्थियों को एक बेहतर सुविधा मिलेगी। वे महाकाल क्षेत्र की खूबसूरती धर्मशाला से निहार सकेंगे। जिस प्रकार महाकाल धर्मशाला और हरसिद्धि धर्मशाला का संचालन होता रहा है, वैसे ही हेरिटेज धर्मशाला का भी संचालन होगा। धर्मशाला पूरी तरह वातानुकूलित और पर्यावरण के अनुकूल होगी।

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