उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन-इंदौर रोड स्थित पामेचा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (Pamecha Super Speciality Hospital) प्रबंधन पर लगाए गए अमानवीय व्यवहार के आरोपों के बाद, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) ने सख्त कदम उठाया है। क्षेत्रीय पार्षद जितेंद्र ‘गब्बर’ कुवाल ने अस्पताल पर मृत मरीज के शव को करीब तीन घंटे तक एंबुलेंस में रखने और परिजनों के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया था, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था। इस गंभीर घटना के सामने आने के बाद सोमवार को सीएमएचओ डॉ. अशोक पटेल ने पामेचा अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी कर दो दिन में स्पष्टीकरण मांगा है।
क्या था मामला?
वार्ड-45 के पार्षद जितेंद्र कुवाल ने बताया कि आगर-मालवा निवासी रितेश भोला (41) को सीने में दर्द की शिकायत के बाद पामेचा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार को रितेश भोला की मृत्यु हो गई। उनकी पत्नी शीतल भोला, जो अपने दो छोटे बच्चों के साथ अस्पताल में थीं, उन्होंने डॉक्टर से भावनात्मक आग्रह किया। उन्होंने अनुरोध किया कि उनके परिजन ग्वालियर से आ रहे हैं, इसलिए शव को कुछ घंटों के लिए अस्पताल के भीतर ही रखे रहने दिया जाए।
बावजूद इसके, पार्षद कुवाल के अनुसार, अस्पताल प्रबंधन ने संवेदनहीनता दिखाते हुए शव को अस्पताल परिसर से बाहर एंबुलेंस में रखवा दिया।
तीन घंटे तक एंबुलेंस में रहा शव
पार्षद कुवाल ने बताया कि मृतक का शव अस्पताल के बाहर खड़ी एंबुलेंस में करीब तीन घंटे तक रखा रहा। सूचना मिलते ही पार्षद स्वयं मौके पर पहुंचे और डॉक्टर से शव को कुछ समय अस्पताल में रखने का निवेदन किया, लेकिन प्रबंधन इसके लिए तैयार नहीं हुआ। ग्वालियर से परिजन के पहुंचने के बाद रात लगभग 10 बजे महिला शव को लेकर गई।
सीएमएचओ ने दिया नोटिस, कहा- यह अमानवीय व्यवहार
घटना को गंभीरता से लेते हुए सीएमएचओ डॉ. अशोक पटेल ने पामेचा अस्पताल निदेशक को नोटिस जारी किया है। नोटिस में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि:
“आपके अस्पताल में रितेश भोला की मृत्यु के बाद शव को अस्पताल परिसर से बाहर रखा गया, जिसे अनुचित, अमानवीय और असंवेदनशील व्यवहार के रूप में दर्शाया गया है। यह कृत्य चिकित्सीय आचार संहिता के सर्वथा विपरीत है।”
सीएमएचओ डॉ. अशोक पटेल ने बताया कि शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि शव को सम्मान दिया जाए। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को दो दिन के भीतर इस घटना पर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। स्पष्टीकरण न देने पर उपलब्ध तथ्यों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
