उज्जैन, अग्निपथ। पार्श्वनाथ कॉलोनी के रहवासियों के साथ डेवलपर ने नगर निगम से साठगांठ कर धोखाधड़ी की और इतने सालों बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए रहवासी परेशान हैं। कॉलोनी वासियों की शिकायत और प्रकरण दर्ज होने के बाद नागझिरी पुलिस एक्शन में आई है और डेवलपर के दिल्ली कार्यालय में गिरफ्तारी के लिए पहुंची। हालांकि यहां आरोपी नहीं मिले लेकिन पुलिस स्टाफ को चेतावनी देकर आई है कि जल्द सरेंडर करें।
नागझिरी थाना पुलिस ने साल 2022 में पार्श्वनाथ सिटी डेवलपर्स प्रबंध संचालक प्रदीप जैन, संचालक डॉ राजीव जैन और वाइस प्रेसिडेंट विवेक गर्ग के खिलाफ केस दर्ज किया था। साल 2022 में केस दर्ज होने के बाद से पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी नहीं कर पाई। मामला लोगों की मूलभूत सुविधा से जुड़ा और कॉलोनाइजर प्रतिष्ठित होने से पुलिस ने उसे सरेंडर करने का मौका दिया लेकिन डेवलपर ने तीन साल में भी गिरफ्तारी नहीं दी।
अब पुलिस एक्शन में आ गई है। गौरतलब है कि कॉलोनाइजर ने मकान बनाकर रहवासियों को कब्जा भी सौंप दिया लेकिन कॉलोनी में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं दी और कई सालों तक कॉलोनी की समस्याओं का समाधान भी नहीं किया। करीब 10 साल से कॉलोनी में यह स्थिति है कि हर माह बिजली काट ली जाती है तो कभी पानी बंद हो जाता है। सडक़े भी नहीं बनी है और गार्डन भी आधे अधूरे पड़े हैं। बिजली समस्या के लिए डेवलपर ने ग्रिड बनाने की बात कही लेकिन डेढ़ साल में केवल पोल ही गाढ़े गए।
रहवासी जल्दी ग्रिड बनाने के लिए कोर्ट भी पहुंचे। कोर्ट ने तीन माह में ग्रिड बनाकर रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए लेकिन डेवलपर ने कोर्ट को भी गुमराह किया और जवाब दिया कि काम चल रहा है मामले में टीआई कमल निगवाल ने बताया कि पुलिस टीम दिल्ली स्थित पार्श्वनाथ डेवलपर के कार्यालय पहुंची थी लेकिन फिलहाल वो नहीं मिला।
