कार्यकर्ताओं को साथ रखने बीजेपी हाईकमान को दी नसीहत
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन के उत्तर विधानसभा सीट से 6 बार के विधायक और पूर्व मंत्री रहे पारस जैन ने अब कोई चुनाव नहीं लडऩे की बात कही है। उन्होंने कहा- अब न चुनाव लडऩे लायक समय बचा है, न वैसे लोग। साथ ही पार्टी नेतृत्व को नसीहत दी कि वरिष्ठ और जमीनी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलना चाहिए।
वरिष्ठ नेता जैन साल 1990 से 2018 तक 6 बार बीजेपी के टिकट से चुनाव लडक़र विधायक और कई विभागों के मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने मीडिया से हुई बातचीत में कहा कि ये पक्का है की अब मैं कोई चुनाव नहीं लडूंगा।
साल 2023 में पार्टी ने टिकट काटा था
उज्जैन उत्तर विधानसभा सीट से 1990, 1993 और फिर 2003 से लगातार 2013 तक जीत दर्ज कर चुके पारस जैन ने प्रदेश सरकार में वन, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण जैसे विभागों में मंत्री के रूप में कार्य किया। 2013 में वे स्कूल शिक्षा विभाग के कैबिनेट मंत्री बने और 2016 के फेरबदल में उन्हें ऊर्जा मंत्रालय का दायित्व मिला।
2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उनका टिकट काटकर अनिल जैन कालूहेड़ा को अपना उम्मीदवार घोषित किया था। जिसके बाद से वे किसी बड़े संगठनात्मक कार्यक्रम में नजर नहीं आए। अब उन्होंने राजनीति से दूरी बनाते हुए साफ कहा है कि वे भविष्य में कभी भी चुनाव नहीं लड़ेंगे।
मैने एक बार भी टिकट नहीं मांगा
पारस जैन ने कहा कि वे आज भी रोजाना दो घंटे व्यायाम करते हैं। स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम जरूरी है। राजनीति को लेकर उन्होंने साफ कहा कि अब मैं कोई चुनाव नहीं लड़ूंगा। यह पक्का है। हालांकि, पार्टी अगर कोई दायित्व देगी तो उसे निभाऊंगा। उन्होंने कहा कि अब चुनाव लडऩे लायक समय नहीं रहा और न ही वैसे लोग बचे हैं।
पहले के और अब के चुनावों में बहुत अंतर आ गया है। मैं छह बार चुनाव लड़ा, लेकिन कभी टिकट की मांग नहीं की। पार्टी ने खुद दिया। अब शायद पार्टी ने सोचा होगा कि 75 वर्ष की उम्र हो गई है, इसलिए टिकट नहीं दिया। इसमें कोई नाराजगी नहीं, मैं पार्टी के प्रति वफादार हूं और उसकी सेवा करता रहूंगा।
नीचे के कार्यकर्ताओं को जोडऩा होगा
जब पारस जैन से पूछा गया कि पार्टी में ऐसा क्या बदल गया है, तो उन्होंने कहा- मुझे लगता है कि पार्टी को नीचे के कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलना चाहिए। उम्मीद है कि प्रदेश के नए अध्यक्ष जमीनी कार्यकर्ताओं को जोड़ेंगे और पुराने वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को नहीं भूलेंगे। यही मेरा उनसे निवेदन है।
