पोलायकलां, अग्निपथ। मध्य प्रदेश सरकार ने शाजापुर के पोलायकलां और देवास के पिपलरावां में प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए दो प्रमुख परियोजनाओं की योजना बनाई है। इन क्षेत्रों को इंदौर-भोपाल राजमार्ग से जोड़ने के लिए एक फोर-लेन सड़क का निर्माण किया जाएगा, साथ ही निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 220 केवीए के एक सबस्टेशन की स्थापना भी की जाएगी। इन परियोजनाओं से उज्जैन क्षेत्र एक औद्योगिक केंद्र के रूप में उभरेगा, जिससे निवेश आकर्षित होगा और हज़ारों नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
शाजापुर और देवास जिलों में स्थित इन औद्योगिक क्षेत्रों के लिए एमपीआईडीसी को जमीन मिल चुकी है और विकास कार्य जल्द शुरू होंगे। फोर-लेन सड़क का निर्माण लॉजिस्टिक्स और परिवहन को आसान बना देगा, जिससे कच्चे माल और तैयार माल की आवाजाही सुगम हो जाएगी। यह सड़क व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी और परिवहन लागत कम करेगी। इसके अलावा, 220 केवीए का विद्युत उपकेंद्र उच्च बिजली खपत वाले उद्योगों की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करेगा, जिससे औद्योगिक संचालन की विश्वसनीयता बढ़ेगी।
प्रमुख विकास परियोजनाएँ
पोलायकलां-पिपलरावां औद्योगिक क्षेत्रों में फोरलेन सड़क इंदौर-भोपाल हाईवे को पोलायकलां और पिपलरावां से जोड़ने वाली यह सड़क माल परिवहन को सुगम बनाएगी। इसे समतल और गैर-कृषि भूमि पर बनाया जाएगा, जिससे माल ढोने की लागत में कमी आएगी और औद्योगिक इकाइयों की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी।
220 केवीए सबस्टेशन से निर्बाध बिजली यह उपकेंद्र पोलायकलां और पिपलरावां के औद्योगिक क्षेत्रों को निर्बाध और उच्च गुणवत्ता वाली बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। यह क्षेत्र के ऊर्जा बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा और निवेशकों के लिए इसे एक आकर्षक गंतव्य बनाएगा।
रोजगार और आर्थिक विकास
इस औद्योगिक क्षेत्र के लिए कुल ४७६.९४ हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है, जिसमें शाजापुर में ३२७.६ हेक्टेयर (पोलायकलां, मोरटकेवाड़ी, खड़ी, टांडाखुर्द) और देवास में १४९.३१ हेक्टेयर (पिपलरावां, निपानिया हुरहुर, घिचलाय) शामिल है। अनुमान है कि यह परियोजना १० हज़ार से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करेगी, जिससे उज्जैन क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयाँ मिलेंगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के विज़न के अनुरूप, ये परियोजनाएँ मध्य प्रदेश को निवेश और रोजगार का केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
एमपीआईडीसी उज्जैन के कार्यकारी निदेशक राजेश राठौड़ ने बताया कि इन परियोजनाओं से औद्योगिक विकास को एक नया आयाम मिलेगा, जिससे लॉजिस्टिक्स आसान होगा और बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
