उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन के चिमनगंज मंडी थाना क्षेत्र स्थित ढांचा भवन में रहने वाले भाजपा नेता और बूथ क्रमांक 136 के अध्यक्ष दीपक शर्मा जो प्रॉपर्टी का काम करते हैं, ने 1 जुलाई को थाने पहुंचकर अपने परिवार के तीन सदस्यों के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पिछले दो दिनों से पुलिस परिवार की तलाश में जुटी हुई है, लेकिन यह मामला जितना सीधा दिख रहा है, उससे कहीं ज्यादा उलझा हुआ प्रतीत हो रहा है। टीआई का कहना है कि जल्द ही परिवार को ढूंढ लिया जाएगा और मामले का खुलासा होगा, लेकिन अतिरिक्त एसपी के बयान ने इस रहस्य को और भी गहरा दिया है।
लापता परिवार: एक रहस्यमय सुबह की कहानी
मिली जानकारी के अनुसार, 1 जून को चिमनगंज थाना पहुंचकर भाजपा नेता दीपक शर्मा ने अपनी पत्नी सीमा शर्मा (45), बेटी पलक शर्मा (22), और बेटे रुद्र शर्मा (14) के गुमशुदा होने की रिपोर्ट लिखाई है। उन्होंने पुलिस को बताया कि सोमवार सुबह 8:30 बजे जब वह अपने काम से घर से निकले थे, तब तो पूरा परिवार घर पर ही था। लेकिन जब दोपहर में लौटे तो देखा कि घर पर ताला लगा है। चाबी पड़ोसी के पास रखी थी। दीपक ने बताया कि पत्नी और बच्चे किसी रिश्तेदार की मौत की बात कहकर घर से निकले थे। दीपक ने शाम तक उनके आने का इंतजार किया, फिर पत्नी और बेटी को फोन किया तो फोन बंद मिले।
दीपक शर्मा परेशान हो गए। उन्होंने अपने सभी रिश्तेदारों और दोस्तों से संपर्क किया, लेकिन कहीं से भी जब कोई जानकारी नहीं मिली तो गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। दीपक का कहना है कि पत्नी, बेटी और बेटे के घर पर नहीं होने के बाद से ही यहां रखे पौने चार लाख रुपये भी गायब हैं। उनका मानना है कि शायद परिवार वाले ही ये रुपये लेकर गए हैं। चार दिनों से इन लोगों की कोई खबर नहीं मिलने पर दीपक शर्मा ने पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचकर और फिर चिमनगंज मंडी थाने पहुंचकर पुलिस से परिवार को खोजने की गुहार लगाई।
“पैसे ले जाने के साक्ष्य नहीं मिले” – अतिरिक्त एसपी का चौंकाने वाला खुलासा!
इस पूरे मामले में एडिशनल एसपी नितेश भार्गव ने चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 1 जून को सीमा शर्मा, पलक शर्मा और रुद्र शर्मा की गुमशुदगी की रिपोर्ट चिमनगंज थाना पुलिस ने दर्ज की थी। जिसके बाद से ही पूरे मामले की जांच की जा रही है। इस मामले में पड़ोसियों के बयान लिए गए हैं और घर की भी तलाशी ली जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि “अभी तक ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला है जिससे यह कहा जा सके कि गुमशुदा हुए लोग अपने साथ लाखों रुपये की राशि ले गए।” पड़ोसियों से की गई पूछताछ में यह भी जानकारी मिली है कि दीपक का अपने परिवार के प्रति व्यवहार ठीक नहीं था। जिससे परेशान होकर ही वे कहीं चले गए हैं। पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि पड़ोसियों से भी कई बार दीपक का विवाद हो चुका है। कुल मिलाकर, जैसा दीपक द्वारा बताया जा रहा है, वैसा नहीं है।
अतिरिक्त एसपी के इस बयान ने मामले को पूरी तरह से पलट दिया है। जहां दीपक शर्मा रुपयों के गायब होने और किसी अनहोनी की आशंका जता रहे थे, वहीं पुलिस की शुरुआती जांच घरेलू कलह की ओर इशारा कर रही है। क्या यह वाकई एक पलायन है, या इसके पीछे कोई और गहरा राज छिपा है?
पुलिस की अगली रणनीति: जल्द होगा खुलासा?
टीआई गजेंद्र पचौरीया ने बताया कि जल्द ही परिवार के लोगों को पुलिस तलाश कर लेगी और पूरे मामले का खुलासा कर दिया जाएगा। अब सवाल यह है कि पुलिस की जांच किस दिशा में आगे बढ़ेगी? क्या लापता परिवार की तलाश के साथ-साथ दीपक शर्मा के दावों और पड़ोसियों के बयानों की सच्चाई भी सामने आएगी?
इस मामले में कई अनुत्तरित प्रश्न हैं:
- क्या परिवार ने वाकई दीपक के व्यवहार से तंग आकर घर छोड़ा है?
- अगर ऐसा है, तो उन्होंने इतने गुप्त तरीके से क्यों किया?
- क्या लाखों रुपये वाकई गायब हुए हैं, या यह सिर्फ ध्यान भटकाने की कोशिश है?
- क्या पुलिस इस मामले की तह तक जाकर सच्चाई उजागर कर पाएगी?
इस रहस्यमय गुमशुदगी की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस को गहन जांच करनी होगी। उज्जैन की जनता इस मामले के खुलासे का बेसब्री से इंतजार कर रही है।