सीहोर,अग्निपथ। संसद में बीमा क्षेत्र के भीतर शत-प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति का बिल पेश किए जाने के विरोध में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के अधिकारियों और कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है। यूनियन एआईआईईए के अखिल भारतीय आह्वान पर गुरुवार दोपहर सीहोर स्थित कार्यालय परिसर में कर्मचारियों ने एकत्रित होकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने इस निर्णय को पॉलिसी धारकों और देश के आर्थिक हितों के खिलाफ बताया।
प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों को संबोधित करते हुए यूनियन के संयुक्त सचिव राजीव कुमार गुप्ता ने सरकार की नीतियों पर तीखे प्रहार किए। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार स्वदेशी का नारा देती है और दूसरी ओर विदेशी कंपनियों को देश की संपत्ति लूटने के लिए आमंत्रित कर रही है। बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देना राष्ट्रीयकरण की मूल भावना को आघात पहुंचाना है। इससे जनता की मेहनत की कमाई सीधे विदेशी कंपनियों के हाथों में चली जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक यह विधेयक वापस नहीं लिया जाता, बीमा और बैंक कर्मचारियों का संघर्ष जारी रहेगा।
इस विरोध प्रदर्शन में सुरेश चंद्र वशिष्ठ, राकेश राठौर, विजय कुमार, सुरेंद्र सिंह यादव, अशोक कुमार, सुमित लाल और हेमलता वशिष्ठ सहित बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए। प्रदर्शन में बृजलाल पटेल, प्रमिला शास्त्री, माधवी, ध्रुव साहू, कुशल भारती और उमेश कुशवाहा सहित कई अभिकर्ता और पॉलिसी धारकों ने भी हिस्सा लेकर अपनी एकजुटता प्रदर्शित की। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने यह कदम पीछे नहीं खींचा तो आगामी दिनों में आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
