‘बूचड़खाना’ निर्माण पर भारी बवाल! ग्रामीणों ने CM के नाम ज्ञापन सौंपकर की रोक की मांग

‘लव जिहाद’ और ‘घुसपैठियों’ का खतरा बताया

सीहोर, अग्निपथ। दोराहा क्षेत्र का ग्राम सतपोन मंगलवार को भारी विरोध-प्रदर्शन का केंद्र बन गया। गांव में कथित रूप से बन रहे बूचड़खाना (गोवंश वध स्थल) के निर्माण को लेकर क्षेत्रवासी बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचे और तत्काल निर्माण रोकने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।

जिला सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष एलम सिंह दांगी और भाजपा मंडल अध्यक्ष सुरेश विश्वकर्मा सहित आक्रोशित क्षेत्रवासियों ने मौके पर जोरदार नारेबाजी की। उन्होंने आरोप लगाया कि यह निर्माण गांव की धार्मिक और सामाजिक भावनाओं के खिलाफ है, और यह बिना वैध अनुमति के हो रहा है।

🚨 गंभीर आरोप: आतंकवाद और प्रदूषण का खतरा 🚨

सीएम को सौंपे गए ज्ञापन में बूचड़खाना निर्माण पर अत्यंत गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसमें बताया गया कि एस.ए.जी फूड्स एक्सपोर्ट प्रा. लि. कंपनी लगभग प्रतिदिन 1000 भैंस, 2000 बकरा-बकरी और 1000 भेड़ काटने का कार्य करेगी। इससे निकलने वाले चमड़ा, हड्डी और खून से क्षेत्र में भारी प्रदूषण, बदबू और बीमारियों का खतरा फैलेगा।

सबसे सनसनीखेज आरोप यह लगाया गया कि कंपनी लगभग 600 कर्मचारी नियुक्त करेगी, जिसमें रोहिंग्या या बांग्लादेशी घुसपैठिये हो सकते हैं, जो मध्य प्रदेश जैसे शांतिपूर्ण राज्य में आतंकवादी गतिविधियों को संरक्षण दे सकते हैं।

🤥 ‘फल संरक्षण’ के नाम पर लिया गया झूठा NOC! 🤥

क्षेत्रवासियों ने आरोप लगाया कि एस.ए.जी कंपनी शुरुआत से ही झूठ और फ्रॉड का काम कर रही है। कंपनी ने दिनांक 24 जनवरी 2025 को ग्राम पंचायत/ग्राम सभा कतपोन से झूठ बोलकर फल एवं सब्जियों के संरक्षण करने के नाम पर भवन निर्माण और विद्युत कनेक्शन लेने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लिया था, जबकि उस समय जमीन कंपनी के नाम दर्ज ही नहीं थी।

बाद में, जब ग्रामीणों को पता चला कि यहाँ फल-सब्जी संरक्षण नहीं, बल्कि बूचड़खाना खोला जा रहा है, तो ग्राम सभा कतपोन ने 3 अक्टूबर 2025 को पूर्व में जारी किया गया प्रस्ताव निरस्त कर दिया। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि नियमानुसार निर्माण सतपोन की कृषि भूमि पर हो रहा है, इसलिए अनापत्ति प्रमाण पत्र सतपोन की ग्राम सभा का होना अनिवार्य है।

विरोध करने वालों में मायाराम गौर सांसद प्रतिनिधि, सरपंच कमल लोधी कतपोन, राकेश पटेल पाटन, दीवान सिंह ठाकुर सोनकच्छ, जनपद सदस्य हेम सिंह मीणा सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और ग्रामीणवासी शामिल थे। उन्होंने प्रशासन से अवैध निर्माण तुड़वाने और किसी भी प्रकार की अनुमति न देने की मांग की है।

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