ब्लाॅक व ग्राम क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप बनेंगे, हर माह बैठक करना जरूरी; यही तय करेंगे बचाव के लिए फैसले

MP में कोरोना को हराने के लिए नई रणनीति:वार्ड,

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार गांवों में फैलते कोरोना पर लगाम लगाने के लिए नई रणनीति अपनाएगी। सरकार ने शहरों में वार्ड और ग्रामीण इलाकों में ब्लॉक व ग्राम क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप का गठन करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में गृह विभाग ने सोमवार को आदेश जारी कर दिए हैं। इसमें कहा गया है, कोरोना से बचाव व अन्य फैसले लेने के लिए क्राइसिस मैनजमेंट ग्रुप की हर माह एक बैठक अनिवार्य रूप से की जाए।

आदेश में जिलों के कलेक्टरों से कहा गया है, जल्दी तीनों स्तर के ग्रुप का गठन किया जाए। अब कोरोना संक्रमण गांवों में फैल रहा है। यही वजह है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गांवों में जनता कर्फ्यू लगाने का निर्णय ग्रामीणों पर छोड़ा है। प्रदेश के कई गांवों में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश बंद हो गया है।

शहरी इलाकों में –
वार्ड क्राइसिस मैनजमेंट ग्रुप : अध्यक्ष वार्ड प्रभारी अधिकारी होंगे। सांसद व विधायक के नियुक्त प्रतिनिधि, नगर निगम आयुक्त अथवा मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा नामांकित जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठन के प्रतिनिधि, वार्ड के प्रतिष्ठित निजी चिकित्सक, स्वयंसेवी संगठन, जन अभियान परिषद, राजनैतिक एवं सामाजिक संगठन के कार्यकर्ता और महिला स्वसहायता समूह सदस्य होंगे।

ग्रामीण इलाकों में –
ब्लाॅक क्राइसिस मैनेजमेँट ग्रुप : एसडीएम अध्यक्ष होंगे। एडीओपी, जनपद सीईओ, ब्लॉक मेडिकल आफिसर, नगर पालिका अथवा नगर परिषद के सीएमओ, महिला एवं बाल विकास के प्रोजेक्ट ऑफिसर, सांसद व विधायक के स्थानीय प्रतिनिधि, कलेक्टर द्वारा नामांकित स्थानीय स्वयं सेवाी संगठन के सदस्य व समाज सेवी।

ग्राम क्राइसिस मैनेजमेंट गुप : इस ग्रुप का अध्यक्ष प्राम पंचायत प्रशासनिक समिति समिति के अध्यक्ष को बनाया गया है। पंचायत सचिव, जन अभियान परिषद, महिला स्व सहायता समूह, राजनैतिक व सामाजिक कार्यकर्ता, प्रशसनिक समिति के सदस्य, ग्राम रोजगार सहायक, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका, कोटवार इस ग्रुप में सदस्य होंगे।

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