महाकाल मंदिर के कॉरिडोर में बैग ले जाना प्रतिबंधित, श्रद्धालु परेशान

बाहर हार-फूल व अन्य दुकान वाले सामान रखने के 100-100 रुपए वसूल रहे

उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल मंदिर के पास ही में रुद्रसागर के किनारे बने महाकाल लोक कॉरिडोर में श्रद्धालुओं के बैग आदि ले जाने पर प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन इस व्यवस्था से श्रद्धालु परेशान हो रहे हैं। क्योंकि बेग रखने के नाम पर मंदिर के आसपास हार-फूल व अन्य दुकान वाले श्रद्धालुओं से 100-100 रुपए तक वसूल रहे हैं।

श्रद्धालुओं की मजबूरी है कि उन्हें पैसे देकर अपने बेग रखने पड़ रहे हैं। मंदिर प्रशासन का कहना है किसुरक्षा कारणों से श्रद्धालुओं को बैग, झोला व अन्य सामान अंदर ले जाने की अनुमति नहीं है। लेकिन इसके चलते श्रद्धालुओं की परेशानी बड़ गई है। अभी तक यह होता था कि ज्यादातर श्रद्धालु अपने बैग आदि सामान स्वयं के पास ही रखकर कॉरिडोर घूम लेते थे। लेकिन अब प्रतिबंध होने से बैग आदि अंदर नहीं ले जाने दिए जा रहे हैं।

 

प्रवेश गेट पर इसकी सूचना भी लगाई गई है। ऐसे में पहले श्रद्धालुओं को बैग रखने की व्यवस्था करना पड़ रही है। इस मजबूरी का फायदा हार-फूल व अन्य दुकानदार उठा रहे हैं। बैग रखने के नाम पर वे रुपए वसूल रहे हैं। क्योंकि मंदिर प्रशासन की ओर से फिलहाल बैग रखने के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। बच्चों और बुजुर्गों के साथ आने वाले श्रद्धालु परिवारों को इसे लेकर अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

त्रिवेणी द्वार पर ही रोक देते हैं यहां बैग रखने की सुविधा नहीं

महाकाल लोक कॉरिडोर देखने के लिए ज्यादातर श्रद्धालु त्रिवेणी द्वार से प्रवेश करते हैं, जहां सुरक्षा गार्ड उनके बैग बाहर ही रखने का कह रहे हैं। ऐसे में श्रद्धालु पहले बेग रखने का इंतजाम करे फिर अंदर प्रवेश करे। श्रद्धालुओं ने बताया बैग अंदर ले जाने की अनुमति देना चाहिए। सुरक्षा का विषय है तो गेट पर उन्हें चेक कर लें। क्योंकि बैग में छोटे बच्चे के लिए दूध की बोतल, पानी की बोतल और जरूरी कपड़े, मोबाइल आदि सामान सुरक्षित रखा जा सकता है।

समिति यदि लॉकर खुलवा दे तो दुकानदारों की लूट बंद हो सकती है

मंदिर समिति यदि काूरिडोर में प्रवेश के गेट के बाहर ही निशुल्क लॉकर की व्यवस्था कर दे तो दुकानदारों की लूट बंद हो सकती है। दुकानदार अभी श्रद्धालुओं से मनमाना किराया वसूल रहे हैं। श्रद्धालु की मजबूरी यह है कि उसे बैग रखने के लिए पैसे देकर ही अंदर जाना पड़ रहा है। दुकानदारों द्वारा अधिक राशि लिए जाने से मंदिर की छवि अलग खराब हो रही है। महाकाल लोक कॉरिडोर के निर्माण में समिति ने करोड़ों रुपए खर्च कर दिए तो लॉकर खोलना कोई बड़ी बात नहीं है।

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